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विश्वास की नाव मानसून फेस्टिवल प्रतियोगिता

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आज अविनाश सुबह से ही बहुत खुश है और हो भी क्यों न... कंपनी के जिस प्रोजेक्ट के लिए पिछले 8-9 महीने से हर काम को दरकिनार कर , बिना दिन-रात, सुबह-शाम देखे लगा रहा आज फाइनली वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ...

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लेखक के बारे में
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सोनल रुहान

एक तार बंधी है मेरे छत से तुम्हारे छत तक जिसमे मुझे ज़िन्दगी की तमाम कहानियां टाँगनी है।।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dippriya Mishra
    16 जुलाई 2020
    वाहहहह बेहतरीन सृजन .....कहानी मन के कैनवास पर एक रेखाचित्र उभारती रहती है! अंत बहुत प्रभावशाली है....बहुत शुभकामनाएं!
  • author
    Monika Khanna
    15 जुलाई 2020
    वाह बहुत सुंदर रचना 👌👌👌👌 आपने सधे हुए शब्दों में विश्वास की नींव को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है। उम्दा लेखनी
  • author
    ऋचा उपाध्याय
    16 जुलाई 2020
    बहुत अच्छी प्रवाहमय कहानी । god bless you .
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    Dippriya Mishra
    16 जुलाई 2020
    वाहहहह बेहतरीन सृजन .....कहानी मन के कैनवास पर एक रेखाचित्र उभारती रहती है! अंत बहुत प्रभावशाली है....बहुत शुभकामनाएं!
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    Monika Khanna
    15 जुलाई 2020
    वाह बहुत सुंदर रचना 👌👌👌👌 आपने सधे हुए शब्दों में विश्वास की नींव को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है। उम्दा लेखनी
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    ऋचा उपाध्याय
    16 जुलाई 2020
    बहुत अच्छी प्रवाहमय कहानी । god bless you .