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रातों का कहर

4.9
1576

ये कहानी है कालीगंज (काल्पनिक) गांव की, जहाँ एक किसान सुखली अपने मेहनत के बूते पर अपना परिवार चलाता है। उसके परिवार में उसकी पत्नी फूलो, बेटा नाथू और एक भाई लखना है, जो शहर में रहकर छोटे-मोटे काम ...

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लेखक के बारे में
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प्रीति कर्ण

मेरी कहानियां वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथाएं है 😊

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    नेहा✍️
    21 मई 2021
    शानदार कहानी थी मैम।मैने एक बार पढ़ना शुरू किया तो बिना खत्म किये रुक ही नही पायी😊😊
  • author
    Ritu Singh
    07 जून 2021
    mam kya herer tha. parvati ke time to herrer ka everest lag raha tha. aisa lga sabka end kar degi. but suddenly change. no 1 herrer start k bad end krk hi ruki. fully night me 2no pure kiye.
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    नेहा✍️
    21 मई 2021
    शानदार कहानी थी मैम।मैने एक बार पढ़ना शुरू किया तो बिना खत्म किये रुक ही नही पायी😊😊
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    Ritu Singh
    07 जून 2021
    mam kya herer tha. parvati ke time to herrer ka everest lag raha tha. aisa lga sabka end kar degi. but suddenly change. no 1 herrer start k bad end krk hi ruki. fully night me 2no pure kiye.