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रक्षाबंधन और आजादी

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आज आजादी के दिन ही रक्षाबंधन है ये कितना सुखद है ना। ये एक छोटी सी वर्तालाप है एक सिपाही और राखी भेजने वाले के बीच।

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लेखक के बारे में

सपनों की हकीकत ये है कि हकीकत में सपना देखने लगे हैं कि सपने हकीकत मे बदल रहे है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    संध्या बक्शी
    16 ఆగస్టు 2019
    बहुत बहुत बधाई ! श्रेष्ठ रचनाओं की सूची में आपका नाम पढ़ कर, रचना भी पढ़ी । शरारत और चुहलबाजी वाली बातें से शुरू हुई कहानी का इतना मार्मिक अंत ! ह्रदयस्पर्शी ! आपकी शब्दशैली ,बेहद रोचक है ,तथा भाषा सहज, सरल बोलचाल वाली है । कहानी वन्दनीय है । 🙏 जयहिंद 🇮🇳
  • author
    sushma gupta
    19 ఆగస్టు 2019
    bahut bahut badhai 💐💐 Desh Prem se bharpur aap ke Bhav..aur Rachna ko pratilipi team ne bhi bahut bahut Sarahana Di.., heart touching story 🇮🇳
  • author
    Shreekant Gupta
    12 డిసెంబరు 2019
    टॉप लेखकों में आपका नाम पढ़ा । ये रचना पढ़ी शुरुआत अच्छी अंत मार्मिक की बातों का बार बार दोहराया जाना कहानी के फ्लो में बाधक
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    संध्या बक्शी
    16 ఆగస్టు 2019
    बहुत बहुत बधाई ! श्रेष्ठ रचनाओं की सूची में आपका नाम पढ़ कर, रचना भी पढ़ी । शरारत और चुहलबाजी वाली बातें से शुरू हुई कहानी का इतना मार्मिक अंत ! ह्रदयस्पर्शी ! आपकी शब्दशैली ,बेहद रोचक है ,तथा भाषा सहज, सरल बोलचाल वाली है । कहानी वन्दनीय है । 🙏 जयहिंद 🇮🇳
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    sushma gupta
    19 ఆగస్టు 2019
    bahut bahut badhai 💐💐 Desh Prem se bharpur aap ke Bhav..aur Rachna ko pratilipi team ne bhi bahut bahut Sarahana Di.., heart touching story 🇮🇳
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    Shreekant Gupta
    12 డిసెంబరు 2019
    टॉप लेखकों में आपका नाम पढ़ा । ये रचना पढ़ी शुरुआत अच्छी अंत मार्मिक की बातों का बार बार दोहराया जाना कहानी के फ्लो में बाधक