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ये पतिदेव चैन से मरने भी नहीं देंगें

4.6
17412

परसो शाम से ही बायें तरफ मेरे पेट में हल्का-हल्का दर्द हो रहा था। पर इतने दर्द को तो मैं मक्खी जैसा हवा में उड़ा देती हूँ। मैंने भी यही सोचा कि शायद ऐसे हीं हो रहा होगा और घर के काम में लग गई। ...

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लेखक के बारे में
author
Aishwaryada Mishra

कहानी अपने आसपास चलते रहते हैं और मैं उन्हें पन्नों पर उतारती हूॅं

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    02 ऑगस्ट 2018
    अरे! गजब...👏👏
  • author
    अचलेश
    02 ऑगस्ट 2018
    बहुत खूब
  • author
    Ram Upadhyay
    07 मे 2021
    beautiful 💞 bahut sundar rachna hai 👌👌🙏🏿
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    Mukesh Ram Nagar
    02 ऑगस्ट 2018
    अरे! गजब...👏👏
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    अचलेश
    02 ऑगस्ट 2018
    बहुत खूब
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    Ram Upadhyay
    07 मे 2021
    beautiful 💞 bahut sundar rachna hai 👌👌🙏🏿