pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

यू आई डी

4.2
2542

देश के जाने माने साइंटिस्ट प्रोफेसर घनश्याम की कार जब उसकी बहन के दरवाज़े पर रुकी तो उस समय रात के दो बज रहे थे। प्रोफेसर घनश्याम इस समय दूसरे शहर में रहने वाली अपनी बहन से मिलने आया था और इसके ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
जीशान जैदी

जन्म 18 अक्तूबर 1973, एम.एस.सी(मैथेमैटिकल स्टेटिस्टिक्स) व पीएचडी (स्टेटिस्टिक्स) की साइंसी शैक्षिक पृष्ठभूमि के साथ विगत सोलह वर्षाे से अनवरत लेखन। जिनमें लघु कथाएं, उपन्यास, ड्रामे, टेलीफिल्मस, टीवी सीरियल इत्यादि शामिल हैं। विज्ञान कथाएं ( साइंस फिक्षन ) व हास्य लेखन में विष्ेाष रूचि। प्रकाशित पुस्तकों में प्रोफेसर मंकी (2006) व कम्प्यूटर की मौत (2008) विज्ञान कथा संग्रह हैं, बुड्ढा फ्यूचर (2011) विज्ञान कथा नाटक है साथ ही थियोलोजी से सम्बन्धित दो पुस्तकें खुदा का वजूद और साइंस की दलीलें (2001) व 51 जदीद साइंसी तहक़ीकात (2011) भी प्रकाशित। दो उपन्यास ताबूत व मौत की तरंगें विज्ञान कथा पत्रिका में धारावाहिक रूप में प्रकाशित। अनजान पड़ोसी, नादान मुजरिम, जिस्म खोने के बाद, ऊंचाईयों के पार, कम्प्यूटर की मौत, कार का चक्कर, कैदी ऊर्जा, मैन मिसाइल, रोशनी का वाहन, एडहिसिव, ज़ेड वन, खयाली संगीतकार, सिलिकन मैन, वैज्ञानिक राजकुमारी, बदलता मौसम, मुर्दे की आवाज़, एथलीट, परिवर्तन, बचाने वाला, अंडर एस्टीमेट, असली खेल, असली नकली, उल्टा दाँव, अवतार, तस्वीर, बौना मामला, झूमती नागिन, तेरी दुनिया मेरे सपने, मजबूर आसमान, दंगाई बंजारे, अपनी दुनिया से दूर, खून का रिश्ता इत्यादि पचास से अधिक कहानियां देश की प्रमुख पत्र पत्रिकाओं विज्ञान प्रगति, विज्ञान कथा, सरिता, आविष्कार, विज्ञान, इलेक्ट्रानिकी आपके लिए इत्यादि में प्रकाशित। कई कहानियां बंगाली, मराठी व गुजराती इत्यादि भाषाओं में अनुदूदित। मंचित नाटकों में प्रमुख हैं - उठाये जा सितम, पानी कहाँ हो तुम, बहू की तलाष, चोर चोर मौसेरे, हाय ये मैली हवा, ये है डाक्टरी वर्कषाप, ये दिल माँगे पाॅप, कहानी परलोक की, हाजिर हो, सौ साल बाद,माडर्न हातिमताई, अकबर की जोधा, ऊंची टोपी वाले, पागल बीवी का महबूब, बुड्ढा फ्यूचर इत्यादि जिनमें अंतिम तीन विज्ञान कथात्मक हैं। लखनऊ दूरदर्शन से प्रसारित टीवी सीरियल दिल का मामला व हम भी हैं इंसान का लेखन। हिंदी साइंस फिक्शन ब्लाग, वेब साइट के उपसंपादक व प्रमुख लेखक लेखन के क्षेत्र में आईसेक्ट भोपाल द्वारा डा0सी0वी0रमन पुरस्कार से सम्मानित, संवाद डाट काॅम की ओर से संवाद सम्मान, अवधनामा दैनिक की ओर से टीचर आॅफ टीचर्स अवार्ड तथा ‘सलाम लखनऊ’ की ओर से ‘मुसन्निफे अवध सम्मान’ प्राप्त। ऋचा प्रकाशन की ओर से साहित्य भूषण की उपाधि। नेशनल काउंसिल आफ साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी कम्यूनिकेशन (छब्ैज्ब्) द्वारा मान्यता प्राप्त विज्ञान संचारक सम्प्रति: एरा मेडिकल कालेज में व्याख्याता एवं स्वतन्त्र टीवी व फिल्म स्क्रिप्ट लेखन।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    एकांत "प्रचेता"
    21 સપ્ટેમ્બર 2020
    आपकी लेखनी बढ़िया थी, इसमे कोई 2 राय नही... मगर इस कहानी मे दम नही था और न ही यह विज्ञान कथा लगी। आप सब से पूछ रहे है कि विज्ञान गल्प की परिभाषा क्या है? एक लेखक के तौर मुझे यह आपकी तरफ से सही व्यवहार नही लगा। रही बात परिभाषा की, तो विज्ञान गल्प अन्य गल्पों से इस बात मे अलग है कि ऐसी कहानियों मे विज्ञान पर ज़ोर दिया जाता है। मुख्यतः मानव और इस संसार पर पड़ने वाले विज्ञान के प्रभाव को दर्शाती है विज्ञान कथा। भविष्य की संभावनाओं को दिखाती है। आपकी कथा काफी हद तक लुगदी साहित्य वाली थी, माफ़ करना अगर आपको अच्छा न लगे तो। देखिये इस कहानी मे विज्ञान के प्रभाव या असर को दिखाया ही नही गया है। न कोई इसमे सीख थी। फिर सम्राट को प्रोफेसर और उस शिशु के DNA को मैच करने की भी जरूरत क्या थी? वह तो वर्ल्ड लॉजिक कर्व मे ही शिशु और उसके माता-पिता का कोड चेक करके देख लेता। प्रोफेसर बेवजह था हब्बल सम्राट के यहाँ। कोई बेहतर कारण देना चाहिए था आपको बजाए इसके कि वह गलती से आ गया। और कहानी की सबसे हास्यपद बात यह है कि एक ब्लैकहोल से ब्रह्माण्ड को खतरा होगा। फिर वह शिशु क्यों पूरे सिस्टम के लिए खतरा था? यह भी आपने सही से एक्सप्लेन नही किया। या आपको खुदको कोई आइडिया नही आया उस बारे मे। आपको interstellar फिल्म देखनी चाहिए। क्योंकि गुरुत्वाकर्षण सभी आयामो मे मौजूद है, इसलिए नायक उसके ज़रिये अपनी पुत्री को संदेश भेजता है फिल्म मे। यह चीज़ महज़ एक कल्पना मात्र है, मगर विज्ञान के दायरे मे संभव है। भविष्य मे संभव है। और विज्ञान गल्प यही है। वह भविष्य की संभावनाओं को दिखाता है। यही विज्ञान गल्प की सुंदरता है। मुझे शक था कि प्रतिलिपि के जजो को शायद सामाजिक जॉनर का ही ज्ञान है, और आज वह बात सिद्ध भी हो गई। यही उमीद करता हूँ आपसे कि अगली बार जब आप विज्ञान कथा लेखन मे भाग ले, तो विज्ञान कथा ही लिखे और जीते भी। आभार🙏🙏😀
  • author
    09 એપ્રિલ 2020
    कमज़ोर कल्पना। विज्ञान के स्थान पर कपोलकल्पित दृश्य को जबरन विज्ञान का जामा पहना दिया गया। पहले स्थान के लायक नही। बहरहाल इनके जजेस कमजोर है तो क्या किया जाए
  • author
    jagadeesh chandra shrivastava
    04 એપ્રિલ 2020
    कहानी ठीक है पर प्रथम स्थान की उपयुक्त योग्यता "चाँद का दाग" कहानी ही रखती है ।उस कहानी के एक एक तथ्य सच हैं और शिक्षाप्रद भी...पूरी कहानी साइंस फिक्शन होते हुए भी हृदय को छूती है भावनाओ की प्रधानता,कहानी की सहजता और कहानी के अंत का माधुर्य कहानी को शिखर की उत्कृष्टता प्रदान करता है कहानी नही जैसे सजीव चित्रन किया हो लेखक ने...अद्भुत और शानदार रचना है।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    एकांत "प्रचेता"
    21 સપ્ટેમ્બર 2020
    आपकी लेखनी बढ़िया थी, इसमे कोई 2 राय नही... मगर इस कहानी मे दम नही था और न ही यह विज्ञान कथा लगी। आप सब से पूछ रहे है कि विज्ञान गल्प की परिभाषा क्या है? एक लेखक के तौर मुझे यह आपकी तरफ से सही व्यवहार नही लगा। रही बात परिभाषा की, तो विज्ञान गल्प अन्य गल्पों से इस बात मे अलग है कि ऐसी कहानियों मे विज्ञान पर ज़ोर दिया जाता है। मुख्यतः मानव और इस संसार पर पड़ने वाले विज्ञान के प्रभाव को दर्शाती है विज्ञान कथा। भविष्य की संभावनाओं को दिखाती है। आपकी कथा काफी हद तक लुगदी साहित्य वाली थी, माफ़ करना अगर आपको अच्छा न लगे तो। देखिये इस कहानी मे विज्ञान के प्रभाव या असर को दिखाया ही नही गया है। न कोई इसमे सीख थी। फिर सम्राट को प्रोफेसर और उस शिशु के DNA को मैच करने की भी जरूरत क्या थी? वह तो वर्ल्ड लॉजिक कर्व मे ही शिशु और उसके माता-पिता का कोड चेक करके देख लेता। प्रोफेसर बेवजह था हब्बल सम्राट के यहाँ। कोई बेहतर कारण देना चाहिए था आपको बजाए इसके कि वह गलती से आ गया। और कहानी की सबसे हास्यपद बात यह है कि एक ब्लैकहोल से ब्रह्माण्ड को खतरा होगा। फिर वह शिशु क्यों पूरे सिस्टम के लिए खतरा था? यह भी आपने सही से एक्सप्लेन नही किया। या आपको खुदको कोई आइडिया नही आया उस बारे मे। आपको interstellar फिल्म देखनी चाहिए। क्योंकि गुरुत्वाकर्षण सभी आयामो मे मौजूद है, इसलिए नायक उसके ज़रिये अपनी पुत्री को संदेश भेजता है फिल्म मे। यह चीज़ महज़ एक कल्पना मात्र है, मगर विज्ञान के दायरे मे संभव है। भविष्य मे संभव है। और विज्ञान गल्प यही है। वह भविष्य की संभावनाओं को दिखाता है। यही विज्ञान गल्प की सुंदरता है। मुझे शक था कि प्रतिलिपि के जजो को शायद सामाजिक जॉनर का ही ज्ञान है, और आज वह बात सिद्ध भी हो गई। यही उमीद करता हूँ आपसे कि अगली बार जब आप विज्ञान कथा लेखन मे भाग ले, तो विज्ञान कथा ही लिखे और जीते भी। आभार🙏🙏😀
  • author
    09 એપ્રિલ 2020
    कमज़ोर कल्पना। विज्ञान के स्थान पर कपोलकल्पित दृश्य को जबरन विज्ञान का जामा पहना दिया गया। पहले स्थान के लायक नही। बहरहाल इनके जजेस कमजोर है तो क्या किया जाए
  • author
    jagadeesh chandra shrivastava
    04 એપ્રિલ 2020
    कहानी ठीक है पर प्रथम स्थान की उपयुक्त योग्यता "चाँद का दाग" कहानी ही रखती है ।उस कहानी के एक एक तथ्य सच हैं और शिक्षाप्रद भी...पूरी कहानी साइंस फिक्शन होते हुए भी हृदय को छूती है भावनाओ की प्रधानता,कहानी की सहजता और कहानी के अंत का माधुर्य कहानी को शिखर की उत्कृष्टता प्रदान करता है कहानी नही जैसे सजीव चित्रन किया हो लेखक ने...अद्भुत और शानदार रचना है।