pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

याद

4.5
35

विरह वेदना

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Mitali gupta

ये ज़िन्दगी मुझसे क्या चाहती है , मुझे नही पता पर मैं इस ज़िन्दगी से क्या चाहती हूँ ये तो इसे पता होनी चाहिए ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मनु
    22 జులై 2019
    फिर याद तेरी आई , सुखे जख्मो ने ली अंगडाई , यादे सुनहरी हो तो जी लेता है इंसान ,और यादे दर्द भरी हो तो मर भी नही सकता है सुंदर रचना बाते भुल जाती है यादे याद आती है ,यादे....यादे यादेदेदेदेदे...
  • author
    Rajaram Kumar
    08 ఆగస్టు 2019
    सही है । (लेकिन पूरी दुनिया जितना अपना हे उतना ही पराया )
  • author
    Sweeti Thakur
    22 జులై 2019
    यादों को आपने बिल्कुल सही दर्शाया है बहुत खूब 🤗🤗🤗🤗👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मनु
    22 జులై 2019
    फिर याद तेरी आई , सुखे जख्मो ने ली अंगडाई , यादे सुनहरी हो तो जी लेता है इंसान ,और यादे दर्द भरी हो तो मर भी नही सकता है सुंदर रचना बाते भुल जाती है यादे याद आती है ,यादे....यादे यादेदेदेदेदे...
  • author
    Rajaram Kumar
    08 ఆగస్టు 2019
    सही है । (लेकिन पूरी दुनिया जितना अपना हे उतना ही पराया )
  • author
    Sweeti Thakur
    22 జులై 2019
    यादों को आपने बिल्कुल सही दर्शाया है बहुत खूब 🤗🤗🤗🤗👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍