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मै देह का भूखा नहीं था

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पुणे १२ जनवरी की रात सुनसान सड़क पर दीपक की कार हवा से बाते कर रही थी कार में लगे म्यूजिक सिस्टम पे गाना बज रहा था—आ लग जा गले कि हसीन रात हो ना हो शायद इस जन्म मुलाकात हो न हो | इसे रूमानी माहौल में ...

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लेखक के बारे में

पेशे से आयुर्वेद का डॉक्टर मन में उठते विचारों को लिपिबद्ध कर देना मेरा शौक है l ये शौक कभी हारने नहीं देता l जब लगता है सब खत्म तभी फिर से जीतने की जिद आँखों की नींद उड़ा देती है l

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अजय अमिताभ सुमन
    03 டிசம்பர் 2018
    एक नकारात्मक कहानी। स्त्री के स्वतंत्र विचार का होना कोई जुर्म नहीं।गलती दुष्कर्म करने वालों में है।सजा दुष्कर्म करने वालों को मिलनी चाहिए न कि स्त्री को।
  • author
    Abhishek Singh Rajawat "Abhiraj"
    20 பிப்ரவரி 2017
    बहुत ही शानदार.....और हाँ एक जगह प्रिया की जगह पूजा हो गया है...सुधार कर दीजियेगा
  • author
    Meenakshi Sharma
    12 செப்டம்பர் 2017
    superb ladkiyan kuch samjhti kyun nai in sab results ko dekhkar bhi
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    अजय अमिताभ सुमन
    03 டிசம்பர் 2018
    एक नकारात्मक कहानी। स्त्री के स्वतंत्र विचार का होना कोई जुर्म नहीं।गलती दुष्कर्म करने वालों में है।सजा दुष्कर्म करने वालों को मिलनी चाहिए न कि स्त्री को।
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    Abhishek Singh Rajawat "Abhiraj"
    20 பிப்ரவரி 2017
    बहुत ही शानदार.....और हाँ एक जगह प्रिया की जगह पूजा हो गया है...सुधार कर दीजियेगा
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    Meenakshi Sharma
    12 செப்டம்பர் 2017
    superb ladkiyan kuch samjhti kyun nai in sab results ko dekhkar bhi