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मैं बोझ नही बनूँगी

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"माँ!!!नीतू दी आयी है।" चेतन ने चिल्लाकर कहा।प्रतिमाजी किचन से बाहर आयी तो देखा नीतू अपना सामान दोनों हाथों में लिए दरवाजे पर खड़ी है। "नीतू तू यहाँ,अंदर आ।" "चेतन खड़ा क्या है अपने दीदी के हाथ से ...

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लेखक के बारे में
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कोपल गुप्ता

मुझे कहानियां पढ़ना पसन्द है ।सपना है एक स्कूल खोलूँ जिसमे मध्यम वर्गीय परिवार कम से कम फीस में अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दे सके।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Adv. Anila Tiwari
    31 ജനുവരി 2023
    बहुत मार्मिक कहानी है।
  • author
    खुशबू हरमुख
    28 ഏപ്രില്‍ 2023
    बहुत ही मार्मिक कहानी... बिल्कुल सही लिखा है आपने... हम कितने भी मॉडर्न बताए खुद को पर आज भी महिलाओं के साथ वही बुरा व्यवहार होता है वह सबके लिए बोझ ही होती हैं। बहुत अच्छी कहानी ❤️👌👌
  • author
    Singh Pams
    19 ഫെബ്രുവരി 2024
    बहुत सुंदर विचारों को दर्शातीं हुईं रचना है आपकी ऐसे ही लिखते रहिए ✍️✍️🌹💯💯🌹⭐⭐🪷🪷🌺🌺🌺🪷🪷
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    Adv. Anila Tiwari
    31 ജനുവരി 2023
    बहुत मार्मिक कहानी है।
  • author
    खुशबू हरमुख
    28 ഏപ്രില്‍ 2023
    बहुत ही मार्मिक कहानी... बिल्कुल सही लिखा है आपने... हम कितने भी मॉडर्न बताए खुद को पर आज भी महिलाओं के साथ वही बुरा व्यवहार होता है वह सबके लिए बोझ ही होती हैं। बहुत अच्छी कहानी ❤️👌👌
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    Singh Pams
    19 ഫെബ്രുവരി 2024
    बहुत सुंदर विचारों को दर्शातीं हुईं रचना है आपकी ऐसे ही लिखते रहिए ✍️✍️🌹💯💯🌹⭐⭐🪷🪷🌺🌺🌺🪷🪷