हाय कृषक की करूण कहानी, मुख से कही न जाए जग की भूख मिटाने वाला, खुद भूखा सो जाये मेरे देश की धरती सोना उगले, फिर भी झूम के गाये पेट में मिट्टी बाँध वो अपने, पेट की आग बुझाये कभी आपदा बाढ़ की ...
अद्भुत कविता मन को द्रवित करती वर्तमान कृषक जीवन की असल सचाई।किसान आदि काल से ही शोषित होता आ रहा है।जब तक देश के किसान बेहतर नही होगा हमारा देश असल मे महान नही होगा।भविष्य की शुभकामनाये 🙏💐
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अद्भुत कविता मन को द्रवित करती वर्तमान कृषक जीवन की असल सचाई।किसान आदि काल से ही शोषित होता आ रहा है।जब तक देश के किसान बेहतर नही होगा हमारा देश असल मे महान नही होगा।भविष्य की शुभकामनाये 🙏💐
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