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मुट्ठी भर खुशियाँ

4.7
18392

पूनम ओ पूनम.. आई...लगभग भागती हुई पुनम कमरे में आई.. ये मेरे मोजे कहाँ हैं..? ये तो रहे...पूनम ने बिस्तर पर रखे कपड़ों के साथ ही पड़े मोजों की और इशारा किया.. और मेरा रूमाल..? सब कुछ यहीं है सुरेश.. ...

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naini grover
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushila Chanani
    22 जून 2020
    बहुत यथार्थवादी कहानी।अक्सर घरों मे यही होता है गृहणी के काम का अहसास नहीं होता सब काम समय पर होते रहते हैं इस लिये पीछे की।मेहनत नजर नहीं आती बल्कि सबकी फरमाइशें बढती रहती है।सब सोचते हैं सारा दिन घर मे रहती है काम ही क्या है! घरवालों की ऐसी सोच से गृहणी खिन्न होती है उसका उत्सा ह मरने लगता है। गृहणी कोई मशीन नहीं इंसान है उसके भी कुछ शौक होते हैं जरूरी है कि घर का काम करते हुए वह अपने शौक भी पूरे कर सके।यह तभी हो सकता है जब घर के सदस्य छोटे मोटे काम स्वयं करे।अपना हर काम उस पर न लादें।और उसके काम की थोडी सराहना करें तथा उ से अपने लिये भी समय निकालने का अवसर दें।
  • author
    Garvika Dhadiwal
    14 अक्टूबर 2018
    hope all husband will change and know d value of housewives
  • author
    kittu Sharma
    26 जनवरी 2022
    अब सब की सास पूनम की सास की जैसी तो होती नहीं तो एक स्त्री को चाहिए कि दूसरों का ख्याल रखने के साथ-साथ अपना खुद का भी ख्याल रखें क्योंकि अगर हम अपनी इज्जत नहीं करेंगे तो दूसरे भी हमें उपेक्षा से देखते हैं। पत्नी होने का मतलब घर का एक सदस्य होना होता है ना कि गजेटेड नौकरानी होना
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    Sushila Chanani
    22 जून 2020
    बहुत यथार्थवादी कहानी।अक्सर घरों मे यही होता है गृहणी के काम का अहसास नहीं होता सब काम समय पर होते रहते हैं इस लिये पीछे की।मेहनत नजर नहीं आती बल्कि सबकी फरमाइशें बढती रहती है।सब सोचते हैं सारा दिन घर मे रहती है काम ही क्या है! घरवालों की ऐसी सोच से गृहणी खिन्न होती है उसका उत्सा ह मरने लगता है। गृहणी कोई मशीन नहीं इंसान है उसके भी कुछ शौक होते हैं जरूरी है कि घर का काम करते हुए वह अपने शौक भी पूरे कर सके।यह तभी हो सकता है जब घर के सदस्य छोटे मोटे काम स्वयं करे।अपना हर काम उस पर न लादें।और उसके काम की थोडी सराहना करें तथा उ से अपने लिये भी समय निकालने का अवसर दें।
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    Garvika Dhadiwal
    14 अक्टूबर 2018
    hope all husband will change and know d value of housewives
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    kittu Sharma
    26 जनवरी 2022
    अब सब की सास पूनम की सास की जैसी तो होती नहीं तो एक स्त्री को चाहिए कि दूसरों का ख्याल रखने के साथ-साथ अपना खुद का भी ख्याल रखें क्योंकि अगर हम अपनी इज्जत नहीं करेंगे तो दूसरे भी हमें उपेक्षा से देखते हैं। पत्नी होने का मतलब घर का एक सदस्य होना होता है ना कि गजेटेड नौकरानी होना