कतरी करा अनरी बढ़ाई, पग पग पे मेवाड़ अनरी कथा सुनाई। लोक माया त्याग वन में दिओ जीवन बिताई, राजकुँवर अमरा ने घास खिला दी रोटी बताई। खानेखाना औऱ बेगम ने घरे दियो पुगाई, अमर सिंह ने सिखला दियो क्षात्र ...
मित्रवर श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह जी बहुत बहुत बधाई और साधुवाद। जणां रा नाम सूं छाती चौगुणी और शीश हिमालय सूं ऊँचो हो जावै उण मेवाड़ रा राणा रो यशोगान राजपूतां रो अभिमान, मातृभूमि री आन, किंया करूं बखान उणरी शान में मेरो प्रणाम।
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मित्रवर श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह जी बहुत बहुत बधाई और साधुवाद। जणां रा नाम सूं छाती चौगुणी और शीश हिमालय सूं ऊँचो हो जावै उण मेवाड़ रा राणा रो यशोगान राजपूतां रो अभिमान, मातृभूमि री आन, किंया करूं बखान उणरी शान में मेरो प्रणाम।
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