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काश! तुम समझ पाते

4.7
845

कितनी आसानी से कह दिया जाता है न ! आज से यही तुम्हारा घर है सास ससुर ही अब माता पिता हैं कभी सोचा है तुमने ? कितना मुश्किल है ये सब मेरे लिए कभी महसूस किया है तुमने मेरा दर्द ? जिस आँगन में ...

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लेखक के बारे में
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प्रिया सिंह

भावनाओं को शब्द देने की कोशिश करती हूँ , अपने आस पास की जिंदगियों को पन्नो पर उकेरना पसंद है । ज्यादा कुछ है नहीं कहने को अपने बारे में , जो भी लिखती हूँ आपको अच्छा लगे उम्मीद करती हूँ। कृपया मेरी रचना पसंद आए तो बताएं जरूरी प्रोत्साहन के लिए लाइक कमेंट करते रहें। Insta id ishq_life U can contact me on [email protected] follow me on Instagram world_from_my_lens20

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शरोवन "Sharovan"
    31 दिसम्बर 2018
    भारत वह देश है जहां रूढ़ियों की आड़ में जीवितों पर मुर्दे शासन करते हैं और स्त्री को देवी का लिवास पहनाकर महज जरूरत की वस्तु समझा जाता है। बेहतरीन रचना।
  • author
    Rashmi Mishra
    25 मार्च 2018
    bitter truth of a girl's life
  • author
    अंक मौर्या
    07 मई 2018
    आपकी रचनाएं करूणा से सराबोर हैं, कोमल पंक्तियां सच्चाई को कठोरता से उजागर कर रही हैं, बहुत बहुत अच्छी।👌👌😊
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    शरोवन "Sharovan"
    31 दिसम्बर 2018
    भारत वह देश है जहां रूढ़ियों की आड़ में जीवितों पर मुर्दे शासन करते हैं और स्त्री को देवी का लिवास पहनाकर महज जरूरत की वस्तु समझा जाता है। बेहतरीन रचना।
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    Rashmi Mishra
    25 मार्च 2018
    bitter truth of a girl's life
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    अंक मौर्या
    07 मई 2018
    आपकी रचनाएं करूणा से सराबोर हैं, कोमल पंक्तियां सच्चाई को कठोरता से उजागर कर रही हैं, बहुत बहुत अच्छी।👌👌😊