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मर्माहत मानस

4.9
67

भावना  के   मधुबन   को    हमने        अक्सर    जग   में   लुटते    देखा, सपनों  के चंदन  वन  को  हमने          हर   क्षण     है   जलते    देखा। मेरे    मर्माहत      मानस    पर          उन  ...

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लेखक के बारे में
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Satya Prakash

जो बुराई किया करते हैं हमारी वो मेरे नाम के लगते हैं पुजारी उनके जीने की दुआ करता हूँ 🙏🙏🙏9369195574, 9519107104

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    22 अगस्त 2019
    बहोत बढ़िया रचना
  • author
    Dr Archana
    25 अक्टूबर 2020
    Harsh reality,इस सच से रूबरू होकर सचमुच मन आहत होता है, बहुत ही उम्दा एवं भावुक करदेनेवाली अभिव्यक्ति💐💐🙏🙏
  • author
    07 जुलाई 2019
    विडम्बना यही है👌💐👌👌 बहुत खूबसूरती से कटु सत्य लिखा आपने👌👌 हर संवेदनशील और चिंतनशील इंसान की पीड़ा है यह🙏🙏🙏
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    22 अगस्त 2019
    बहोत बढ़िया रचना
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    Dr Archana
    25 अक्टूबर 2020
    Harsh reality,इस सच से रूबरू होकर सचमुच मन आहत होता है, बहुत ही उम्दा एवं भावुक करदेनेवाली अभिव्यक्ति💐💐🙏🙏
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    07 जुलाई 2019
    विडम्बना यही है👌💐👌👌 बहुत खूबसूरती से कटु सत्य लिखा आपने👌👌 हर संवेदनशील और चिंतनशील इंसान की पीड़ा है यह🙏🙏🙏