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हिन्दी

भाग्य की विडंबना

4.4
115

मेरी बेटी  जब  स्कूल जाने लगी तो मैंने  भी उसी   स्कूल में नौकरी करने का मन  बनाया. वह शहर  का एकमात्र लड़कियों का कॉन्वेंट स्कूल था,जहां पर पढ़ना और पढ़ाना  दोनों ही बहुत गौरव की बात हुआ करती थी ...

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लेखक के बारे में
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सुधा कसेरा

देहली यूनीवर्सिटी(दौलतराम कॉलेज) से राजनीतिशास्त्र में एम.ए.बी.एड.,20 वर्षों तक कॉन्वेंट स्कूल में हिन्दी, संस्कृत विषयों में अध्यापन कार्य करने के बाद,बारह वर्षों से हैदराबाद में स्वतंत्र लेखन को समर्पित हूँ.लिखने का शौक बचपन से ही है. सम्प्रति विभिन्न रास्ट्रीय स्तर की प्रसिद्द पत्र-पत्रिकाओं में लेख, समीक्षा और कहानियां निरंतर छपने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. दो पुस्तकें ‘साहित्यवीर’ और बस अब और नहीं (कहानी संग्रह)’ ‘छपने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.’साहित्यनामा’ पत्रिका में हर महीने एक कॉलम में भी लिख रही हूँ.

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    reeta kohli
    12 मे 2022
    good
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    Gopirzy Salvi
    10 मे 2022
    🥰😚
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    reeta kohli
    12 मे 2022
    good
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    Gopirzy Salvi
    10 मे 2022
    🥰😚