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भाईचारा

4.7
339

शालीन का हिंदुस्तान आने का मकसद पूरा हो गया था। उसके पापा का अस्थि विसर्जन हो गया था। उसने चैन कि सांस ली। फिर करन ,यश और जैद को हाथ जोड़कर कर धन्यवाद करने लगा। ...

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लेखक के बारे में
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Gunjan Johari

मैं गुंजन जौहरी। हाऊस वाइफ हूं। उत्तर प्रदेश में रहती हूं। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करी है मैंने। डबल एम ए हूँ गृह विज्ञान और शिक्षाशास्त्र से,लिखने और पढ़ने का शौक हमेशा से रहा है।इस लिए कहानी, कविता और शायरी भी लिख लेते हैं। एक नोवेल भी लिख रहे हैं Love never End's (अमर प्रेम कहानी) यह मेरा पहला नोवेल है मैंने इसे 2023 में लिखना शुरू किया है। इसके अलावा लघुकथा भी लिखी है अम्मा, बुढा पेड़, शापित हवेली भी लिखी है

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    22 नवम्बर 2022
    बहुत सुंदर कहानी हैं कहानी का नाम भाई चारा बहुत ही उचित है 👍👌👍👌💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    Neel Kamal
    04 अगस्त 2022
    जब शालीन के पिता ने बेटे का मुस्लिम नाम क्यो रक्खा वैसे कहानी सुन्दर है
  • author
    Neeraj Gupta
    05 अगस्त 2022
    बहुत खूब
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    22 नवम्बर 2022
    बहुत सुंदर कहानी हैं कहानी का नाम भाई चारा बहुत ही उचित है 👍👌👍👌💐💐💐💐💐💐💐
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    Neel Kamal
    04 अगस्त 2022
    जब शालीन के पिता ने बेटे का मुस्लिम नाम क्यो रक्खा वैसे कहानी सुन्दर है
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    Neeraj Gupta
    05 अगस्त 2022
    बहुत खूब