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बैकुंठ की सीडी

4.7
908

प्रतियोगिता के लिए। बैकुंठ के दर्शन । मुझे अच्छी तरह से याद है ,मैं रात पढ़ते -पढ़ते सो गया था । मेरे दोंनो हाथ मेरे सीने पर रखे हुए थे । उससे पहले मैं कोई सस्पेंस नॉवेल पढ़ रहा था । ठंड का मौसम था ...

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लेखक के बारे में
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Supriya Singh

एक अध्यापिका ' पत्नी होने से बहुत पहले एक स्त्री हूँ ..मेरी लेखनी मेरी सोच की सहेली है ..जीवन के अनभवों को शब्दों का रूप देने की कोशिश मेरी रचनाये है ...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Archana Mishra
    21 मे 2021
    *क्या बात !*
  • author
    Kamal Patadiya
    09 ऑगस्ट 2020
    अति सुन्दर!!! .......अब स्त्री की सघर्ष कथाए और सफलता की कहानी पढ़िए https://hindi.pratilipi.com/series/hostel-girls-3of1qxoxrtsw
  • author
    31 मार्च 2020
    सुंदर कहानी मजा आ गया। निश्चित रूप से। ऊपर भी एडवांसमेंट आने लगी होगी। धन्यवाद! सुप्रिया जी ऊपर से मेरा मतलब स्वर्ग और यमपुरी से थे।
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    Archana Mishra
    21 मे 2021
    *क्या बात !*
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    Kamal Patadiya
    09 ऑगस्ट 2020
    अति सुन्दर!!! .......अब स्त्री की सघर्ष कथाए और सफलता की कहानी पढ़िए https://hindi.pratilipi.com/series/hostel-girls-3of1qxoxrtsw
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    31 मार्च 2020
    सुंदर कहानी मजा आ गया। निश्चित रूप से। ऊपर भी एडवांसमेंट आने लगी होगी। धन्यवाद! सुप्रिया जी ऊपर से मेरा मतलब स्वर्ग और यमपुरी से थे।