◆ बेनाम लड़की :एक कब्रिस्तान में रात घिर आई थी, नीरवता इतनी थी कि धड़कनें भी स्पष्ट सुनाई दे। सकीना ने गहरी सांस ली और अपने लक्ष्य की ओर चल पड़ी। रात के सन्नाटे में झींगुर की झीं झीं करती आवाज ख़ौफ़ ...
एक कहानी संग्रह 'अंतहीन सफ़र पर' इंक पब्लिकेशन से तथा एक कविता संग्रह ’अच्छे दिनों के इंतज़ार में’ सृजनलोक प्रकाशन से प्रकाशितl पत्र पत्रिकाओं यथा, राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, अहा! जिंदगी, कादम्बिनी , बाल भास्कर आदि में रचनाएं प्रकाशित।
अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत।
सारांश
एक कहानी संग्रह 'अंतहीन सफ़र पर' इंक पब्लिकेशन से तथा एक कविता संग्रह ’अच्छे दिनों के इंतज़ार में’ सृजनलोक प्रकाशन से प्रकाशितl पत्र पत्रिकाओं यथा, राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, अहा! जिंदगी, कादम्बिनी , बाल भास्कर आदि में रचनाएं प्रकाशित।
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waah..
bahut sundr ..
mujhe ye kahani itni achi lgi k shabdo me bayaan nhi kr skti...
ye jo qabristan me lash ki jgh maas k lothde ki kalpana h..
aur us k baad jo wahan ghatta hai..
bahut acha ...👌👌
likhna mt chhorna..
aur haan..
meri bhi do betiyan hain..
pr m khushkismat hu is maamle me..
q ki mera parivar bahut acha h..
aur meri to phli khwahish hi yhi thi k meri do betiyan ho
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
बहुत ही सुंदर रचना है....बेटे और बेटियाँ बराबर हैं...दोनो को अच्छा और बेहतर जीवन जीने का सामान अधिकार है ।
और जो लोग बेटी पैदा होने का जिम्मेदार माँ को मानते हैं वो लोग सब से बड़े जाहिल हैं....इस्लाम के अनुसार भी बेटे या बेटियाँ बाप की पुश्त पर हैं और medically भी यह बात proved है कि बेटे या बेटियों की होने की वजह बाप है माँ नही ।।
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ye jo qabristan me lash ki jgh maas k lothde ki kalpana h..
aur us k baad jo wahan ghatta hai..
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और जो लोग बेटी पैदा होने का जिम्मेदार माँ को मानते हैं वो लोग सब से बड़े जाहिल हैं....इस्लाम के अनुसार भी बेटे या बेटियाँ बाप की पुश्त पर हैं और medically भी यह बात proved है कि बेटे या बेटियों की होने की वजह बाप है माँ नही ।।
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