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बेनाम रिश्ता पार्ट-3

4.8
821

बेनाम रिश्ता को सराहने के लिए धन्यवाद। ये कहानी का आखिरी पार्ट है जिसमे आप पढ़ेंगे की कैसे दोनों दोबारा मिले। क्या दोनों की ओर से मोहब्बत आज भी जिंदा थी? दोबारा दोनों साथ मिल पाए या नहीं।

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लेखक के बारे में
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Ankur Srivastava

बस यूँही बेवक्त बेवजह कुछ भी लिखने की आदत सी है मुझे अपने जज्बातों को कागज़ पर उतारने की आदत सी है मुझे। शुद्ध कविता, कहानी और लेख नही लिख पाता हूँ , बस भावनाओ की गहराई में लिखने की कोशिश रहती है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pratima Pandey
    28 ऑक्टोबर 2022
    प्रेम अगर सच्चा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजया का नहीं होते हुए भी उसे महसूस करना, बातें करना उसकी बेटी तक पहुंचना।एक पिता की भांति उसे परवरिश देना इतना आसान नहीं था रोहित के लिए,हर पल विजया उसके साथ है यही एहसास उसके प्यार को मरने नहीं दिया। बहुत बहुत सुंदर 👌👌
  • author
    कान्हा
    28 फेब्रुवारी 2022
    story bhut achi hai...dil ko chuu gyi..👌👌👌👌 par sochne par majbur kar rhi hai...kya shi mae hakikat mae bhi esa hota hoga ky..?
  • author
    Shivam Sharma
    23 जानेवारी 2022
    wakai bahtreen kahani thi ,mazza aaya
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    Pratima Pandey
    28 ऑक्टोबर 2022
    प्रेम अगर सच्चा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजया का नहीं होते हुए भी उसे महसूस करना, बातें करना उसकी बेटी तक पहुंचना।एक पिता की भांति उसे परवरिश देना इतना आसान नहीं था रोहित के लिए,हर पल विजया उसके साथ है यही एहसास उसके प्यार को मरने नहीं दिया। बहुत बहुत सुंदर 👌👌
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    कान्हा
    28 फेब्रुवारी 2022
    story bhut achi hai...dil ko chuu gyi..👌👌👌👌 par sochne par majbur kar rhi hai...kya shi mae hakikat mae bhi esa hota hoga ky..?
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    Shivam Sharma
    23 जानेवारी 2022
    wakai bahtreen kahani thi ,mazza aaya