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"बाबा रामदेव"

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Ashok Patel Baba Ramdev Mandir, Ramdevra -Rajasthan सायर जयपाल मेघवाल समुदाय के मेघवंशी जाति के व्यक्ति थे तथा पोखरन के जागीरदार राजा अजमल सिँह तंवर के घोड़ो को चराते थे| अवतारी बाबा रामदेव पीर ...

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लेखक के बारे में
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कुन्दन जयपाल

"जय गुरु देव नाम प्रभु का" जीव हत्या अपराध को रोको और शाकाहारी बनो ! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🙏नमस्कार पाठक बंधुओं !🙏 हालांकि मेरी लेखनी इतनी अच्छी तो नहीं है फिर भी कभी कभार शौक से लिख लेता हूं मेरी रचनाएं पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया जरूर व्यक्त करें ताकि मुझे लिखने का प्रतिफल मिल सकें! परिचय :- पिताः स्व. श्री अमोनाराम जी माता: श्रीमति सजनी देवी जाति: मेघवाल धर्म: हिन्दू स्थिति: अविवाहित भाषा: हिन्दी, राजस्थानी जन्म: 4 मार्च 1999 विशेष: ईश्ववर में विश्वास, जीवों पर दया, मदद की भावना । काम: पढाई, कृषि शिक्षा: B.A. , B.ed, MA(HINDI) विषय विशेष : हिन्दी साहित्य, भूगोल, राजनीति मोबाईल: 8290716268, 9509335781 गांव पोस्ट : भीखोङाई जूनी, pin 345025, (पोकरण,जैसलमेर) राजस्थान पसंदीदा स्थान: जयगुरूदेव आश्रम मथुरा, उत्तर प्रदेश

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    Suresh parihar
    08 अक्टूबर 2020
    बाबा रामदेव जी के समाधि के समय उनके पिता अजमल जी ने उनके सामने अपनी वेदना प्रकट की | और कहा हे भगवान ! मेरा जन्म निरर्थक ही जायेगा, यदि लोग आपको मेरा पुत्र नहीं मानेंगे तो | तब बाबा रामदेव जी ने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप कहा कि हे पिताजी ! आप मेरे पालनहार है, इस कारण एक निश्चित समयावधि तक लोग आपको ही मेरे वास्तविक पिता मानकर आपके गुनगान करेंगे | परन्तु केवल मेघवाल बन्धु ही इस बात को जानेंगे कि मेरे वास्तविक पिता सायर जी मेघवाल है | और निश्चित समयावधि के पश्चात सम्पूर्ण समाज को यह बात पता चल जाएगी | यह कथा मैं बचपन से भजनों में सुनता आ रहा हूं | सायर रिख घर जनम लेर्, रिखिया रो मान बढ़ायो वचनां रो बंधियो बाबो, अजमल घर में आयो | धिन धिन हो रिख सायर, अपणो सुत दान कियो रामां सरीखा पुत्र देर, अजमल ने सम्मान दियो
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    24 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छी जानकारी साझा की आपने, बहुत बहुत साधुवाद भाई साहब 🙏🙏🙏😍😍 जय रामसा पीर🙏🙏🙏
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    Dev Chauhan
    26 जून 2023
    "सायर सुत मंगनी रा जाया, ज्यारी महिमा भारी, भेंट कियो सुत अजमलजी ने, सायर ने बलिहारी, मेघरिखा संग तंवर वंश रा, भाग जागिया भारी, दुनिया जाणे रामदेवजी ने अजमल घर अवतारी." || इतिहासकार रामचन्द्र कड़ेला
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    Suresh parihar
    08 अक्टूबर 2020
    बाबा रामदेव जी के समाधि के समय उनके पिता अजमल जी ने उनके सामने अपनी वेदना प्रकट की | और कहा हे भगवान ! मेरा जन्म निरर्थक ही जायेगा, यदि लोग आपको मेरा पुत्र नहीं मानेंगे तो | तब बाबा रामदेव जी ने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप कहा कि हे पिताजी ! आप मेरे पालनहार है, इस कारण एक निश्चित समयावधि तक लोग आपको ही मेरे वास्तविक पिता मानकर आपके गुनगान करेंगे | परन्तु केवल मेघवाल बन्धु ही इस बात को जानेंगे कि मेरे वास्तविक पिता सायर जी मेघवाल है | और निश्चित समयावधि के पश्चात सम्पूर्ण समाज को यह बात पता चल जाएगी | यह कथा मैं बचपन से भजनों में सुनता आ रहा हूं | सायर रिख घर जनम लेर्, रिखिया रो मान बढ़ायो वचनां रो बंधियो बाबो, अजमल घर में आयो | धिन धिन हो रिख सायर, अपणो सुत दान कियो रामां सरीखा पुत्र देर, अजमल ने सम्मान दियो
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    24 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छी जानकारी साझा की आपने, बहुत बहुत साधुवाद भाई साहब 🙏🙏🙏😍😍 जय रामसा पीर🙏🙏🙏
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    Dev Chauhan
    26 जून 2023
    "सायर सुत मंगनी रा जाया, ज्यारी महिमा भारी, भेंट कियो सुत अजमलजी ने, सायर ने बलिहारी, मेघरिखा संग तंवर वंश रा, भाग जागिया भारी, दुनिया जाणे रामदेवजी ने अजमल घर अवतारी." || इतिहासकार रामचन्द्र कड़ेला