समय बदला तो अब बहुत कुछ बदल गया है । आज उसकी हैसियत एक फोकटिया से ज्यादा कुछ नहीं । जिसे अपमानित करने के उद्देष्य से आम भाषा में ‘‘काम का न काज का, दुष्मन अनाज का’’ कहा जाता है । बेमतलब का । लेकिन ...

प्रतिलिपिसमय बदला तो अब बहुत कुछ बदल गया है । आज उसकी हैसियत एक फोकटिया से ज्यादा कुछ नहीं । जिसे अपमानित करने के उद्देष्य से आम भाषा में ‘‘काम का न काज का, दुष्मन अनाज का’’ कहा जाता है । बेमतलब का । लेकिन ...