पीपल के पेड़ के नीचे जून महीने की शाम में भी ठंडी हवा बह रही थी।गंगातट, जहां से गंगा काफी दूर थी, फिर भी वहां का नजारा और वातावरण काफी मनोरम था।गोलाकार सीढ़ियों पर बैठे कुछ दोस्तों के संवाद तेज चल ...
पीपल के पेड़ के नीचे जून महीने की शाम में भी ठंडी हवा बह रही थी।गंगातट, जहां से गंगा काफी दूर थी, फिर भी वहां का नजारा और वातावरण काफी मनोरम था।गोलाकार सीढ़ियों पर बैठे कुछ दोस्तों के संवाद तेज चल ...