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बचपन वाली बारिश

3.8
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चार  साल का नन्हा ऋषभ हाथ में रंग -बिरंगे कागज लिए ठुनक रहा था-" पापा बोट बना दो न। मुझे इसे पानी में तैराना है।"            दीपक कुर्सी पर बैठा लैपटॉप पर नजरें गड़ाए था। इस कोरोना वायरस महामारी के ...

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लेखक के बारे में
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shweta shrivastava
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Priya Pandey 🌱
    16 जुलाई 2020
    childhood days r precious for everyone..
  • author
    महेश समीर
    19 जनवरी 2022
    बहुत सुन्दर
  • author
    Pushkar Prakash
    16 जुलाई 2020
    क्या खूब लिखती है आप। आपकी लेख पढ़कर यकीन होता है कि आज भी हिंदी जिंदा है हमारे बीच।
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  • author
    Priya Pandey 🌱
    16 जुलाई 2020
    childhood days r precious for everyone..
  • author
    महेश समीर
    19 जनवरी 2022
    बहुत सुन्दर
  • author
    Pushkar Prakash
    16 जुलाई 2020
    क्या खूब लिखती है आप। आपकी लेख पढ़कर यकीन होता है कि आज भी हिंदी जिंदा है हमारे बीच।