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बचपन, बारिश और कागज़ की नाव

4.8
760

" बचपन, बारिश और कागज की नाव" बारिश की हल्की फुहारें जारी थीं , उस छोटे से कस्बे में एक छोटी सी नहर थी जो कि एक बेहद पतली जलधारा जैसी थी और सिर्फ बरसातों में ही उसका अस्तित्व हुआ करता था,  मैं ...

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अंतस्

ॐकारं बिंदुसंयुक्तं...🕉️

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
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    संजू भदौरिया
    17 जुलाई 2020
    वाह क्या सुंदर लेखन हैं आपका । कहानी तो थोड़ी बहुत मैं भी लिखता हूं, पर सोच नहीं सकता किसी की इतनी अच्छी कल्पना हो सकती है, इतनी गहराई तक लिख सकता है, बहुत सारे लोगों ने लिखी होगी नाव और बारिश पर कहानी, पर आप की कहानी बाकी बेहतरीन है । उन जजों का निर्णय सराहनीय है । धन्यवाद
  • author
    Pappu Dhoundiyal ( देव )
    16 जुलाई 2020
    शब्द नहीं है कि क्या लिखूं , आप हर चीज को इतनी सरलता और सुन्दरता से लिखती है कि मन करता है इसे पढ़ता ही रहूं,बस पढ़ता ही रहूं , इतनी प्यारी स्टोरी के लिए धन्यवाद ।।
  • author
    देविका कलम "Radhe"
    17 जुलाई 2020
    ma'am apki khani पढ़कर बहुत अच्छा लगा ,,,अपने 10 th class ke bare me btaya ki 90 % marks laye the ,,app bahut talented bhi ho
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    संजू भदौरिया
    17 जुलाई 2020
    वाह क्या सुंदर लेखन हैं आपका । कहानी तो थोड़ी बहुत मैं भी लिखता हूं, पर सोच नहीं सकता किसी की इतनी अच्छी कल्पना हो सकती है, इतनी गहराई तक लिख सकता है, बहुत सारे लोगों ने लिखी होगी नाव और बारिश पर कहानी, पर आप की कहानी बाकी बेहतरीन है । उन जजों का निर्णय सराहनीय है । धन्यवाद
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    Pappu Dhoundiyal ( देव )
    16 जुलाई 2020
    शब्द नहीं है कि क्या लिखूं , आप हर चीज को इतनी सरलता और सुन्दरता से लिखती है कि मन करता है इसे पढ़ता ही रहूं,बस पढ़ता ही रहूं , इतनी प्यारी स्टोरी के लिए धन्यवाद ।।
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    देविका कलम "Radhe"
    17 जुलाई 2020
    ma'am apki khani पढ़कर बहुत अच्छा लगा ,,,अपने 10 th class ke bare me btaya ki 90 % marks laye the ,,app bahut talented bhi ho