pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

बचपन के समुंदर के हम ही सिकंदर

5
24

आज पूरे सात साल बाद अपनी जमीं पर लौट रही थी अपराजिता। उसका उत्साह, उसकी खुशी देखते ही बन रही थी। एक छोटे बच्चे की तरह दौड़ दौड़ कर अपना सामान लगती, बार बार चेक कर रही थी कहीं कुछ छूट ना जाए। सामान ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
swati roy
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sonnu Lamba
    16 जुलाई 2020
    वाह, बहुत ही बढिया, सुन्दर सुन्दर
  • author
    Shelly Gupta
    16 जुलाई 2020
    बहुत सुंदर
  • author
    Monika Khanna
    15 जुलाई 2020
    बहुत प्यारी लेखनी
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sonnu Lamba
    16 जुलाई 2020
    वाह, बहुत ही बढिया, सुन्दर सुन्दर
  • author
    Shelly Gupta
    16 जुलाई 2020
    बहुत सुंदर
  • author
    Monika Khanna
    15 जुलाई 2020
    बहुत प्यारी लेखनी