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बचपन की बारिश और कागज की नाव

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बाहर बारिश फिर शुरू हो गई थी। फुहारें अंदर आकर वेदान्तिका के साथ ऑटो में अपनी जगह बना रही थीं। हवा और तेज हो गई थी जिसकी वजह से कान ठंडे हो गए तो उसने अपना दुप्पटा सिर पर लपेट लिया जिससे उसे थोड़ा ...

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लेखक के बारे में

मैं एक मनुष्य हूँ और मेरे विचार मेरी उड़ान। आप मुझे पढ़ेंगे तो मुझे समझ पायेंगे कि कभी कभी अकेलापन भी आपका सही साथी बन सकता है। यह सम्भव है कि मेरे शब्द कही आपको सामंजस्य हीन लगे लेकिन यह भी एक सच है मेरा लेखन मेरे विचारों का संसार है जिसमें मैं आपका स्वागत करती हूँ। शिक्षा-12वी कक्षा तक। पसंद-संगीत।

समीक्षा
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  • author
    Akela musafir .......✍️
    16 जुलाई 2020
    Sundar bhacpan ki yade g bAdiya mast g
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    Akela musafir .......✍️
    16 जुलाई 2020
    Sundar bhacpan ki yade g bAdiya mast g