जेसे ही रवि के बारे में सनाया को पता चला वो तुरंत वैभव के पास आ गई ... दूसरे दिन सुबह ..सविता उनलोगो के घर आई .. आइये सविताजी !! सनाया ने अंदर आने का इशारा करते हुए कहा वैभव के दोस्त के साथ जो ...
मेरे बारे मे...मे आपसे क्या कहु??
मेरी टेढ़ी मेढ़ी कहानिया और मेरी कहानियो के अच्छे बुरे किरदार..यही मेरी पेहचान है .... मेरे शब्द मेरी पहचान बने तो बेहतर है...चेहरे का क्या है.. चला जायेगा मेरे साथ ही एक दिन…!!!
सारांश
मेरे बारे मे...मे आपसे क्या कहु??
मेरी टेढ़ी मेढ़ी कहानिया और मेरी कहानियो के अच्छे बुरे किरदार..यही मेरी पेहचान है .... मेरे शब्द मेरी पहचान बने तो बेहतर है...चेहरे का क्या है.. चला जायेगा मेरे साथ ही एक दिन…!!!
रिपोर्ट की समस्या
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