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फेसबुक की दुनिया

4.7
125

फेसबुक की दुनिया कुमार दुर्गेश "विक्षिप्त" उस देर रात की बात, ना था, कोई मेरे साथ, (सिर्फ मोबाइल था मेरे हाथ) मैंनें जैसे ही चालू किया फोन, वो मिल गई फेसबुक चेट ऑन, अँजुरी कॉप रही थी, मेरा लिखा जो वो ...

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लेखक के बारे में
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Kumar durgesh Vikshipt *Vaishnav*

साहित्य प्रेमी ( पूर्व नवोदयन विद्यार्थी )9983113919 कोटडी़ ग्राम, जिला भीलवाडा़,राजस्थान

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 नवम्बर 2018
    nice. modern days fact...
  • author
    सरोज वर्मा "कमल"
    14 नवम्बर 2018
    बहुत ही सुंदर पंक्तियां
  • author
    Heena Lad "પ્રતિબદ્ધ"
    13 नवम्बर 2018
    હા...હા...હા....comedy
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    27 नवम्बर 2018
    nice. modern days fact...
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    सरोज वर्मा "कमल"
    14 नवम्बर 2018
    बहुत ही सुंदर पंक्तियां
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    Heena Lad "પ્રતિબદ્ધ"
    13 नवम्बर 2018
    હા...હા...હા....comedy