pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

फूल खिलाओ बिना गुलशन

4.7
14

‘फूल खिलें हैं गुलशन-गुलशन’, ये मुहावरा शायद अब पुराना हो चला है क्योंकि गुलशन (बाग़) तो अब बस गिने चुने ही रह गए है. जहाँ देखो वहां कंक्रीट के जंगल ही दिखाई देते   है. हाँ कहीं कहीं बनावटी फुलों ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Deepak Dixit

निवास : सिकंदराबाद (तेलंगाना) सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन संपर्क : [email protected] , 9589030075 प्रकाशित पुस्तकें योग मत करो, योगी बनो (भाल्व पब्लिशिंग, भोपाल),2016 दृष्टिकोण (कथा संग्रह) Pothi.com पर स्वयं-प्रकाशित,2019 * दोनों पुस्तकें Pothi.com पर ईबुक (ebook) के रूप में भी उपलब्ध हैं, लिंक के लिए मेरा ब्लॉग देखें शिक्षा से अभियंता (धन्यवाद-आई.आई.टी.रुड़की), प्रशिक्षण से सैनिक (धन्यवाद- भारतीय सेना), स्वभाव से आध्यात्मिक और पढ़ाकू हूँ। पिछले कुछ वर्षों से लेखन कार्य में व्यस्त हूँ। पढ़ने के शौक ने धीरे-धीरे लिखने की आदत लगा दी। अब तक चार पुस्तक (दो अंग्रेजी में मिलाकर) व एक दर्जन साँझा-संकलन प्रकाशित हुए हैं। हिंदी और अंग्रेजी में ब्लॉग लिखता हूँ। ‘मेरे घर आना जिंदगी’ (http://meregharanajindagi.blogspot.in/) ब्लॉग के माध्यम से लेख, कहानी, कविता और शोध-पत्रों का प्रकाशन। प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं तथा वेबसाइट में 100 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। साहित्य के अनेक संस्थान में सक्रिय सहभागिता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई गोष्ठियों में भाग लिया है तथा कविता/आलेख/शोध-पत्र वाचन किया है। दस से अधिक साहित्यिक मंचों द्वारा पुरस्कृत / सम्मानित किया जा चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    02 फ़रवरी 2020
    Haan bilkul sahi baat Kahi aapne
  • author
    Rupa Chaudhuri
    31 जनवरी 2020
    nice
  • author
    Krishna Dixit
    17 फ़रवरी 2020
    वाह
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    AnshuPriya Agrawal
    02 फ़रवरी 2020
    Haan bilkul sahi baat Kahi aapne
  • author
    Rupa Chaudhuri
    31 जनवरी 2020
    nice
  • author
    Krishna Dixit
    17 फ़रवरी 2020
    वाह