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फिर कभी

4.5
15020

सुधीश का बचपन आम मध्यम वर्गीय बचपन था जरूरतों को चादर के मुताबिक समेट लेने में ही सुख ढूंढने वाला , मम्मी पापा को चुपके से अपनी जरूरतों को बेकार का खर्चा कह नज़र अंदाज़ करने वाला, वक्त जरूरत के लिए ...

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लेखक के बारे में
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कविता वर्मा

मैं इंदौर से कविता वर्मा कहानियाँ कविताएँ उपन्यास लेख लिखती हूँ। मुझे लघुकथा बाल साहित्य और कहानी संग्रह के लिए अखिल भारतीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुके हैं और अभी मध्यप्रदेश का प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान वागीश्वरी पुरस्कार मेरे कहानी संग्रह कछु अकथ कहानी को मिला है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    rachana maheshwari
    11 जून 2020
    har मध्यमवर्गीय परिवार यही सोच कर अपनी इच्छाओं को मार देता हैं।। ये कहानी पढ़ के मुझे ध्यान आया कि मैने तो इछाओ को मार ही दिया हैं.... फिर कभी का कोई ऑप्शन ही नही हैं अब तो ऐसा लगता हैं जो हैं जैसे हैं खुश हूं बस
  • author
    anu gautam
    14 नवम्बर 2018
    read hi ni ho rha h y
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    rachana maheshwari
    11 जून 2020
    har मध्यमवर्गीय परिवार यही सोच कर अपनी इच्छाओं को मार देता हैं।। ये कहानी पढ़ के मुझे ध्यान आया कि मैने तो इछाओ को मार ही दिया हैं.... फिर कभी का कोई ऑप्शन ही नही हैं अब तो ऐसा लगता हैं जो हैं जैसे हैं खुश हूं बस
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    anu gautam
    14 नवम्बर 2018
    read hi ni ho rha h y