मैं छत से नीचे आया और बोला मां सामान पैक हो गया है। मां ने कहा,-“ विनय बेटा सब रख दिया है। तुम्हारे कपड़े, रोजमर्रा की चीजें ,घी अचार”। मैं बोला,-“ अरे मां तुम ने घी, अचार यह सब क्यों पैक कर दिया”। ...
कहानी अच्छी लगी। लेकिन लेखक द्वारा कभी " विनय " और कभी " मैं " का प्रयोग खटकता है। या तो इस कथा को आत्मकथात्मक शैली में लिखा जाता या फिर पूर्ण रूप से लेखक के उपस्थिति के बगैर ! यहां दोनो का मिश्रण हो गया है। इस त्रुटि पर कृपया ध्यान दें।सादर।
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आज की जिन्दगी का सच, पर ऐसे में मां बाप कि जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को सम्बल दें और आगे बढ़ने की प्रेरणा दे। जैसे विनय के पिता ने दिया। बहरहाल एक अच्छी तारतम्यता है कहानी में
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