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हिन्दी

प्रेम

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4.1

कमरे मे लौट कर वह बिस्तर पर गिर गया। थोड़ी देर में आंखें मुंद गईं। फिर वही चित्र उभर आया। वही दयनीय, कातर चेहरा। आंखों के नीचे गड्डे। हड्डियां उभरी हुईं। गाल पिचके हुए। दिल में एक तूफान-सा उठ खड़ा ...