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प्रतिलिपि किड्स फेस्टिवल : कहानी - जंगल के तीन राजा

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जंगल के तीन राजा  एक जंगल में तीन शेर रहते थे ।  शरीर से तीनों ह्रष्ट-पुष्ट डील-डौल के नौजवान थे ।  तीनों के मुँह पर घने भूरे बाल उनके दहाड़ने से रेशा-रेशा अलग हो गर्दन के चारों खिले फूल की भाँति ...

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लेखक के बारे में
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shashi Capoor

शशि दीपक कपूर वाशी, नवीं मुंबई

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    14 सितम्बर 2021
    Sher chuhe aur khargosh ki kahani ke dwara aapane Sundar se Darshan ki yadi Ekta buddhimatta Ho tab kam jor se kam Jor shaktishali se shaktishali ko Hara sakta hai sab sandesh badhai 👍
  • author
    Seema Garg
    28 फ़रवरी 2023
    शानदार लेखनी आपकी आदरणीय चुन्नू मुन्नू के माध्यम से बेहतरीन नवीन सोच को अभिव्यक्ति दी आपने। उत्कृष्ट लेखनी आपकी हार्दिक बधाई आपको
  • author
    Usha Verma
    27 नवम्बर 2020
    बहुत अच्छी कहानी लिखी आपने !चुन्नू मुन्नू की सूझबूझ और शेरों को उपयुक्त स्थान मिल जाना ,यह नई सोच की कहानी है! बहुत अच्छी है!
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    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    14 सितम्बर 2021
    Sher chuhe aur khargosh ki kahani ke dwara aapane Sundar se Darshan ki yadi Ekta buddhimatta Ho tab kam jor se kam Jor shaktishali se shaktishali ko Hara sakta hai sab sandesh badhai 👍
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    Seema Garg
    28 फ़रवरी 2023
    शानदार लेखनी आपकी आदरणीय चुन्नू मुन्नू के माध्यम से बेहतरीन नवीन सोच को अभिव्यक्ति दी आपने। उत्कृष्ट लेखनी आपकी हार्दिक बधाई आपको
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    Usha Verma
    27 नवम्बर 2020
    बहुत अच्छी कहानी लिखी आपने !चुन्नू मुन्नू की सूझबूझ और शेरों को उपयुक्त स्थान मिल जाना ,यह नई सोच की कहानी है! बहुत अच्छी है!