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"प्रतिबंध" भाग :→ 1

4.6
1448

# परिवार का साथ न हो तो खुशीयां कुछ अधूरी सी लगती है #

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"प्रतिबंध" भाग :→2
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Safiya Mahmood (صفیہ محمود )
4.5

"प्रतिबंध" भाग :→2                एक कमरे में साथ बैठे होने के बावजूद मानो जैसे हर एक तन्हा बैठा हो,,, एक ही दुनिया में रहते हुए भी सब की दुनिया अलग नजर आ रही थी...                      इस अलग नजर ...

लेखक के बारे में

कृपया अपनी किमती राय(समीक्षा) जरुर दे , ताकि हम अपनी रचनाओं को बेहतरीन बनाने की कोशिश कर सके । मेरी सभी रचनाएं स्वरचित है...।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Megha Srivastava
    22 अक्टूबर 2019
    बेहतरीन शुरुआत
  • author
    Arshad Rasool
    22 अक्टूबर 2019
    بہت اچھا
  • author
    Jiwan Sameer
    19 अक्टूबर 2019
    बहुत सुंदर
  • author
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  • author
    Megha Srivastava
    22 अक्टूबर 2019
    बेहतरीन शुरुआत
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    Arshad Rasool
    22 अक्टूबर 2019
    بہت اچھا
  • author
    Jiwan Sameer
    19 अक्टूबर 2019
    बहुत सुंदर