pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पिंजरे में सपने

4.3
6973

आज उसके उल्लास का कोई ठिकाना नहीं था।बड़की ठकुराईन ने कल ही पूरे महीने की पगार दे दी।देते समय पाँच सौ का एक नोट भी जबर्दस्ती रख दिया" कमलिया की माय हमसे पर्दा रख कर क्या करोगी।तुम्हारी कौन सी मजबूरी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Anjali Mishra

जिंदगी एक किताब की तरह है, जिसके अंतिम पन्ने को विधाता ने लिख कर भेजा है, बाकी के पन्नों पर शब्द खुद ही उकेरने होते हैं।उन शब्दों को उकेरने का प्रयास सतत करना चाहिए।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मुकेश राम नागर
    08 August 2018
    कमाल का लिखती हैं आप...बनारस-बिहार का भोलापन और मिठास भरी है रचना में।👍👌👌
  • author
    Dr Kamal Satyarthi
    11 September 2018
    यदि यह विवाह टूट जाता तो कहानी सही रहती|कमलिया पडलिरव कर कुछ बन जाती तो सही रहता|
  • author
    Prince Chaubey "Keshav"
    17 January 2020
    बहुत सुंदर लेकिन उत्सुकता बरकरार है, आगे क्या हुआ?
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मुकेश राम नागर
    08 August 2018
    कमाल का लिखती हैं आप...बनारस-बिहार का भोलापन और मिठास भरी है रचना में।👍👌👌
  • author
    Dr Kamal Satyarthi
    11 September 2018
    यदि यह विवाह टूट जाता तो कहानी सही रहती|कमलिया पडलिरव कर कुछ बन जाती तो सही रहता|
  • author
    Prince Chaubey "Keshav"
    17 January 2020
    बहुत सुंदर लेकिन उत्सुकता बरकरार है, आगे क्या हुआ?