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पापा...

4.4
143

Miss u "Papa

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लेखक के बारे में
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Hema Ingle

दिल में जो है , वही लिखे, ताकी ये " जिंदगानी सुकून से बहती रहे ... Hello , जिंदगी, जिंदगी क्या हैं रंग भी हैं रंज भी... जियो तो जंग भी है उमंग भी... इसी जिंदगी से मिले कुछ पल, कुछ ख्वाहिशें, कुछ सपने, कुछ कडवाहट इनका अचार बनाके लिखती हुॅ .......संगीत के कारण साहित्य से नाता रहा ....बस उतना ही लिख पाती हुॅ ,ज्यादा नही.... पर भाव मन के उकेरती हुॅ। जिंदगी से कल भी प्यार था , आज भी हैं, कल भी रहेगा...जिंदगी जैसी भी हैं मेरी हमेशा सहेली रही है , मै इसी के साथ मुस्काती हुॅ .......रोना अब बहुत पिछे छोड दिया..... (गायिका,लेखिका,शिक्षीका,चित्रकार,नाट्यकलाकार) (सभी रचनाए काॅपी राईट अधिकार के तहत.. सर्वाधिकार सुरक्षित....) हेमा इंगळे "Musirica नागपूर [email protected]

समीक्षा
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  • author
    Bineet Singh "बन्ना सा"
    17 जून 2018
    बहुत अच्छा विचार है
  • author
    Aakash's Effect
    19 जून 2018
    बहुत बढ़िया रहा इस बार। विषय बहुत ही अच्छा चुना और उसके साथ पूरा न्याय किया। बस मात्रिक/शाब्दिक त्रुटियों के कारण कुछ कमी लगती है। (मुझसे व्यर्थ की चापलूसी नही होती, जब तक गलतियों की तरफ ध्यानाकर्षित न किया जाए तब तक पता नही चलता कि यहां कुछ गलत भी था। गलतियां सभी से होती हैं और उन्हें ही सुधारकर आगे बढ़ा जा सकता है)
  • author
    24 जुलाई 2018
    बहुत ख़ूब ग़ज़ल फॉर्मेट में लिखी गई हैं बेहतरीन तरीके आपने इसे लिखा हैं रचना पापा के लिए समर्पित की गई हैं वाकई में अच्छी रचना हैं।क्या मराठी में भी लिखती हैं।
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    Bineet Singh "बन्ना सा"
    17 जून 2018
    बहुत अच्छा विचार है
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    Aakash's Effect
    19 जून 2018
    बहुत बढ़िया रहा इस बार। विषय बहुत ही अच्छा चुना और उसके साथ पूरा न्याय किया। बस मात्रिक/शाब्दिक त्रुटियों के कारण कुछ कमी लगती है। (मुझसे व्यर्थ की चापलूसी नही होती, जब तक गलतियों की तरफ ध्यानाकर्षित न किया जाए तब तक पता नही चलता कि यहां कुछ गलत भी था। गलतियां सभी से होती हैं और उन्हें ही सुधारकर आगे बढ़ा जा सकता है)
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    24 जुलाई 2018
    बहुत ख़ूब ग़ज़ल फॉर्मेट में लिखी गई हैं बेहतरीन तरीके आपने इसे लिखा हैं रचना पापा के लिए समर्पित की गई हैं वाकई में अच्छी रचना हैं।क्या मराठी में भी लिखती हैं।