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पहला प्यार और बलात्कार

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प्रेम भरी एक अनोखी दास्तान। आत्मविश्वास भरा प्रेम किसी को भी बदल सकता है व पहले प्रेम तक को भूलने पर मजबूर कर सकता है। युवा दिलों के लिए एक प्रेरक रचना

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लेखक के बारे में
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विनीत शर्मा

पेशे से चिकित्सक, साहित्य में अज्ञानी। त्रुटियों के लिए स्पर्शक की क्षमा प्रार्थना 🙏🙏 . आपत्ति दर्ज करने या सुझाव के लिए आप मेरे फोन पर भी संपर्क साध सकते हैं। 9999656568

समीक्षा
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  • author
    SHAILENDRA DUBEY
    29 दिसम्बर 2018
    बहुत ही सुंदर ढंग से प्रेम के सम्बंध में ताना बाना बुनती कहानी।पिताजी का प्रेम के सम्बंध में दृष्टिकोण,नायक का दृष्टिकोण,नायिका की अपनी सोच सब लाजवाब!!!!कहानी में कसाव मेरे पठन के हिसाब से वहां कम हो गयी थी जब नायिका कहती है मेरे साथ बलात्कार हुआ है।यंहा मेरा अनुमान बिल्कुल सही था।मैंने भी यहां नायक के बारे में सोचा था।बाद में कहानीपूरी बांधे रखती है।कुल मिलाकर आपने एक जबरदस्त कहानी लिखी।आपको इस लेखन के लिए हृदय से बधाई।💐💐💐👌👌👌😊
  • author
    himani sharma
    11 अक्टूबर 2019
    अच्छी कहानी थी अक्षिता का प्रेम समझदारी और आत्मविश्वास भरा था पर रजनी भले स्वार्थी दिखाई गई पर रजत ने गलत तो किया रजनी के साथ... पुरुष क्या कभी गलत नहीं होते... ? इससे तो साफ साफ रजनी को गलत ठहरा दिया गया जिससे अक्षिता का चरित्र ऊँचा दिखाई दे.. रजत भी तो गलत था उसे तो सब कुछ मिल गया प्यार भी पत्नी भी बेटा भी... रजनी का क्या??
  • author
    रीता जाँगिड़
    04 जनवरी 2019
    जिंदादिल ही जीना सिखा सकते हैं, रजनी के यह नहीं हो पाता। आपकी इस रचना को पढ़कर रिश्तों की समझ और गहरी हो गई। आपने इतना सारगर्भित लेखन पढ़ने को दिया, बहुत आभार🙏🏻☺️
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    SHAILENDRA DUBEY
    29 दिसम्बर 2018
    बहुत ही सुंदर ढंग से प्रेम के सम्बंध में ताना बाना बुनती कहानी।पिताजी का प्रेम के सम्बंध में दृष्टिकोण,नायक का दृष्टिकोण,नायिका की अपनी सोच सब लाजवाब!!!!कहानी में कसाव मेरे पठन के हिसाब से वहां कम हो गयी थी जब नायिका कहती है मेरे साथ बलात्कार हुआ है।यंहा मेरा अनुमान बिल्कुल सही था।मैंने भी यहां नायक के बारे में सोचा था।बाद में कहानीपूरी बांधे रखती है।कुल मिलाकर आपने एक जबरदस्त कहानी लिखी।आपको इस लेखन के लिए हृदय से बधाई।💐💐💐👌👌👌😊
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    himani sharma
    11 अक्टूबर 2019
    अच्छी कहानी थी अक्षिता का प्रेम समझदारी और आत्मविश्वास भरा था पर रजनी भले स्वार्थी दिखाई गई पर रजत ने गलत तो किया रजनी के साथ... पुरुष क्या कभी गलत नहीं होते... ? इससे तो साफ साफ रजनी को गलत ठहरा दिया गया जिससे अक्षिता का चरित्र ऊँचा दिखाई दे.. रजत भी तो गलत था उसे तो सब कुछ मिल गया प्यार भी पत्नी भी बेटा भी... रजनी का क्या??
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    रीता जाँगिड़
    04 जनवरी 2019
    जिंदादिल ही जीना सिखा सकते हैं, रजनी के यह नहीं हो पाता। आपकी इस रचना को पढ़कर रिश्तों की समझ और गहरी हो गई। आपने इतना सारगर्भित लेखन पढ़ने को दिया, बहुत आभार🙏🏻☺️