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पराया इश्क़

4.6
63099

चादर की ओट में, अपने नग्न शरीर को छुपाते हुए, वहीदा खड़े होने का प्रयास कर रही है, लेकिन रोहन हर बार हाथ खींच कर उसे बाहों में समेट लेता है। "अब छोड़ो भी .... मालूम है, दिन ढलने को है, अब्बू आते ...

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लेखक के बारे में
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विनीत शर्मा

पेशे से चिकित्सक, साहित्य में अज्ञानी। त्रुटियों के लिए स्पर्शक की क्षमा प्रार्थना 🙏🙏 . आपत्ति दर्ज करने या सुझाव के लिए आप मेरे फोन पर भी संपर्क साध सकते हैं। 9999656568

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    PriYanKa Pankhi
    03 ജനുവരി 2019
    बहुत इमोशनल कहानी। कई जगह आँसू थमे नहीं। शानदार कहानी। धर्म धर्म सब करे, धर्म जाने न कोई। प्रेम और करुणा बिना धर्म कहासे होई।। पंखी
  • author
    🇦🅿🅰🆁🅽🅰 "लहर"
    03 ജനുവരി 2019
    बहुत ही सुंदर कहानी।आज कल के प्यार से बहुत ऊपर जाती कहानी।आंखे नम कर देने वाली कहानी।क्या वास्तव में प्यार को पा लेना ही प्यार है,या फिर प्यार सिर्फ एक विशेष इंसान किया हुआ ही प्यार कहलाता है।प्यार बांटते चलो जाने कितने इंसान प्रेमी राह में मिलेंगे।
  • author
    07 ജനുവരി 2019
    बहुत सुंदर कहानी लिखी है आपने, शुरुआत मैं आप भटक गए , पात्रों स्व शुरुआत की रोहन और वहीदा, फिर मैं पर आ गए फिर आप रोहन पर चले गए, यहां ये दिखाता है कि आपने कहानी लिखते समय इसे टुकड़ों में लिखा और लिखने के बाद दुबारा पढ़ा नही
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    PriYanKa Pankhi
    03 ജനുവരി 2019
    बहुत इमोशनल कहानी। कई जगह आँसू थमे नहीं। शानदार कहानी। धर्म धर्म सब करे, धर्म जाने न कोई। प्रेम और करुणा बिना धर्म कहासे होई।। पंखी
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    🇦🅿🅰🆁🅽🅰 "लहर"
    03 ജനുവരി 2019
    बहुत ही सुंदर कहानी।आज कल के प्यार से बहुत ऊपर जाती कहानी।आंखे नम कर देने वाली कहानी।क्या वास्तव में प्यार को पा लेना ही प्यार है,या फिर प्यार सिर्फ एक विशेष इंसान किया हुआ ही प्यार कहलाता है।प्यार बांटते चलो जाने कितने इंसान प्रेमी राह में मिलेंगे।
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    07 ജനുവരി 2019
    बहुत सुंदर कहानी लिखी है आपने, शुरुआत मैं आप भटक गए , पात्रों स्व शुरुआत की रोहन और वहीदा, फिर मैं पर आ गए फिर आप रोहन पर चले गए, यहां ये दिखाता है कि आपने कहानी लिखते समय इसे टुकड़ों में लिखा और लिखने के बाद दुबारा पढ़ा नही