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पटाखा

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जैसे जैसे दीपावली नजदीक आ रही थी वैसे वैसे रजत का चंचल मन अपने बाबा के आने के इंतज़ार में था, रजत 12 साल का एक बच्चा जो रायपुर में अपनी माँ के साथ एक बड़ी कॉलोनी के पास अपने कच्चे मकान में रहता ...

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लेखक के बारे में
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पंकज नामदेव

कोई मुझे जीत कर ले जाए, वो मुझे मंजूर है, लेकिन धोखा देने वाले को, मैं कोई और मौका नही देता।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    SANDHYA NAMDEV
    09 नवम्बर 2022
    Bahut hi shandar rachna
  • author
    खुशबू हरमुख
    14 दिसम्बर 2022
    nice story
  • author
    Shivam Namdev
    17 नवम्बर 2022
    Nice
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  • author
    SANDHYA NAMDEV
    09 नवम्बर 2022
    Bahut hi shandar rachna
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    खुशबू हरमुख
    14 दिसम्बर 2022
    nice story
  • author
    Shivam Namdev
    17 नवम्बर 2022
    Nice