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पकोड़े वाले चाचा

4.7
270

#स्कूल की यादें

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लेखक के बारे में
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Dharm Pal Singh Rawat

"बारह आने की टोपी", "मेरा प्राथमिक विद्यालय" "ईमानदारी की सजा" और कहानी "अब तो आदत हो गई है" मेरी कहानियां मेरा परिचय हैं। तीन साल पहले दिल की भावनाओं को शब्दों में उकेरना शुरू किया। प्रत्तिलिपि पर मेरी कहानियों के अलावा मेरी रचनाएँ... 1.भरवा रोटी (कहानी संग्रह) 2.विदाई का रुपया(कहानी संग्रह) 3.झुमके(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 4.वो सांवली कन्नू(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 5.माधुरी (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 6.आछेरी परी(उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 7.C/O 56 APO आर्मी पोस्ट ऑफिस (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध मेरी रचनाओं चाहे Fiction हो या Non Fiction सच्चाई का बोध कराती हैं और मेरा ध्येय भी यही है कि समाज को कुछ नया दे सकूं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    sushma gupta
    09 सितम्बर 2019
    चाचा भी पिता समान होता है, 😄बहुत ही मजेदार रहा ये वाकया 👌👌👌👌💐
  • author
    aparna
    09 सितम्बर 2019
    वाह बहुत खूब,पकौड़े वाले चाचा पकौडो की जगह थप्पड भी खिलाते हैं ।।☺👌👌🙏🌺
  • author
    Praveen Kumar Shrivastava
    09 सितम्बर 2019
    bahut achii Bhartiya parivedh wali khani
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    sushma gupta
    09 सितम्बर 2019
    चाचा भी पिता समान होता है, 😄बहुत ही मजेदार रहा ये वाकया 👌👌👌👌💐
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    aparna
    09 सितम्बर 2019
    वाह बहुत खूब,पकौड़े वाले चाचा पकौडो की जगह थप्पड भी खिलाते हैं ।।☺👌👌🙏🌺
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    Praveen Kumar Shrivastava
    09 सितम्बर 2019
    bahut achii Bhartiya parivedh wali khani