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नव्या

3.8
19573

सुबह के 3:30 बज रहे थे, कि अचानक जय के मोबाइल पर मेसेज रिंग बजी। जय वैसे तो नींद का पक्का खिलाडी था, पर आज उसकी सपनो से भरी नींद इस छोटी से मेसेज ट्यून के साथ खुली। उठकर देखा तो नव्या के दो मेसेज। ...

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लेखक के बारे में
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jai prakash prajapati

मैं जयप्रकाश प्रजापती, जन्म दिनांक 15/4/1995। विज्ञान संकाय से बेचलर। लिखने का शौक शुरू से था, पर भाषा का ज्ञान इतना ना था, लेकिन प्रितिलिपि ने मुझे बहुत अच्छा मंच दिया है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    shushant ashutosh
    18 जून 2019
    अति सुन्दर ! काफी रोचक कहानी लगी साथ ही अगली पंक्ति के साथ जिजीविषा बढ़ती चली गई, पता भी नहीं चला कब कहानी ख़त्म हो गई । धन्यवाद
  • author
    Tanuja Bhushan
    24 जून 2019
    कहानी अच्छी है दिल को अच्छी लगी लेकिन कुछ तो है जो छूट रहा है ।
  • author
    Preeti Raman Chhabra
    03 जून 2019
    Ek ek shabd piroya Hua hai.... Very nicely written.... Congratulations
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    shushant ashutosh
    18 जून 2019
    अति सुन्दर ! काफी रोचक कहानी लगी साथ ही अगली पंक्ति के साथ जिजीविषा बढ़ती चली गई, पता भी नहीं चला कब कहानी ख़त्म हो गई । धन्यवाद
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    Tanuja Bhushan
    24 जून 2019
    कहानी अच्छी है दिल को अच्छी लगी लेकिन कुछ तो है जो छूट रहा है ।
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    Preeti Raman Chhabra
    03 जून 2019
    Ek ek shabd piroya Hua hai.... Very nicely written.... Congratulations