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नदी के शब्द

4.8
192

हिमगिरि चरणों में शीश नवा, मैंने शुरू किया चलना, तपती रेती पर चलकर भी, शीतलता को न मिटने दिया, सघन वनों की छाया देख, कभी मेरा मन न ललचाया, इस शाश्वत सत्य का ज्ञान मुझे, जो रूका उसने अस्तित्व ...

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लेखक के बारे में

कभी कभी अपने मन के भावों को शब्दों में पिरोने की कोशिश कर लेती हूं।🙂

समीक्षा
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    18 अक्टूबर 2020
    माननीया सुश्री अनुश्री त्रिपाठी मिश्रा जी बहुत बहुत बधाई और साधुवाद। नदी समान स्वरूप तुम्हारा, चटटान जैसा संकल्प, हिमगिरी जैसा हौंसला,सागर जैसा अथाह हृदय। जब जल,थल, नभ स्वरूप व्यकित्व ब्रह्म हो जाता है तो उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं रहता। आपके चिंतन, सोच, कल्पना की भूरि भूरि सराहना करता हूं। यदि मैं आपको अन्तर्राष्ट्रीय काव्य मैराथन मे नॉमिनेट करूं तो अनुचित न होगा। केवल आठ दिन तक रोज फेसबुक पर अपनी एक कविता पोस्ट करनी है और किसी एक कवि को नामित करना है।पोस्ट की गई कविताओं को रशियन भाषा में अनुवाद करके अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।कल की मेरी पोस्ट में आपका नामांकन होगा।कृपया अपनी एक रचना फेसबुक पर लिखने के लिए और एक कवि मित्र को नामित करने के लिए तैयार रखें। धन्यवाद अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर आने का स्वर्ण अवसर है। विस्तरित जानकारी के लिए आप 7888 683 199 नम्बर पर श्री रवि सचदेव" घायल " को सम्पर्क कर सकती हैं,धन्यवाद।
  • author
    Nita Shukla Dubey "Nitu"
    26 सितम्बर 2019
    वाह बहुत सुन्दर ।।।🌹🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌷सुन्दर शुद्ध शब्दो से सजी रचना है पढते समय रोम रोम पावन हो गया ...बहुत बेहतरीन 👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    Nandkishor Sankhala
    26 सितम्बर 2019
    बहुत सुंदर आपने तो इस कविता के माध्यम से हम सब को अभिप्ररेण भी प्रधान की अतिउतम !
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    18 अक्टूबर 2020
    माननीया सुश्री अनुश्री त्रिपाठी मिश्रा जी बहुत बहुत बधाई और साधुवाद। नदी समान स्वरूप तुम्हारा, चटटान जैसा संकल्प, हिमगिरी जैसा हौंसला,सागर जैसा अथाह हृदय। जब जल,थल, नभ स्वरूप व्यकित्व ब्रह्म हो जाता है तो उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं रहता। आपके चिंतन, सोच, कल्पना की भूरि भूरि सराहना करता हूं। यदि मैं आपको अन्तर्राष्ट्रीय काव्य मैराथन मे नॉमिनेट करूं तो अनुचित न होगा। केवल आठ दिन तक रोज फेसबुक पर अपनी एक कविता पोस्ट करनी है और किसी एक कवि को नामित करना है।पोस्ट की गई कविताओं को रशियन भाषा में अनुवाद करके अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।कल की मेरी पोस्ट में आपका नामांकन होगा।कृपया अपनी एक रचना फेसबुक पर लिखने के लिए और एक कवि मित्र को नामित करने के लिए तैयार रखें। धन्यवाद अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर आने का स्वर्ण अवसर है। विस्तरित जानकारी के लिए आप 7888 683 199 नम्बर पर श्री रवि सचदेव" घायल " को सम्पर्क कर सकती हैं,धन्यवाद।
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    Nita Shukla Dubey "Nitu"
    26 सितम्बर 2019
    वाह बहुत सुन्दर ।।।🌹🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌷सुन्दर शुद्ध शब्दो से सजी रचना है पढते समय रोम रोम पावन हो गया ...बहुत बेहतरीन 👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
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    Nandkishor Sankhala
    26 सितम्बर 2019
    बहुत सुंदर आपने तो इस कविता के माध्यम से हम सब को अभिप्ररेण भी प्रधान की अतिउतम !