रोते-रोते रजनी को पता ही नहीं चला कि वो कब नींद की आगोष में चली गई । उसे तो बस इतना याद रहा कि सूरज उसे प्यार से एक मां की तरह सुला रहा था , उसकी ऑंखों में भी ऑंसू थे । रो लेने व सूरज के प्यार भरे ...
रोते-रोते रजनी को पता ही नहीं चला कि वो कब नींद की आगोष में चली गई । उसे तो बस इतना याद रहा कि सूरज उसे प्यार से एक मां की तरह सुला रहा था , उसकी ऑंखों में भी ऑंसू थे । रो लेने व सूरज के प्यार भरे ...