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नई राह

4.3
41

वह रिटायर हो चुका था......चार साल पहले l बड़ी-सी कोठी थी उसकी........ जिसमें एक शानदार बगिया आबाद थी l मगर इस आलिशान जगह में यदि उसका कोई साथ निभा रहा था तो वह थी उसकी तनहाई...... खामोशी से लबालब ...

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लेखक के बारे में
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op gondule

Sir, I do composed Poems with my pen name 'पुष्पेय' ओमप्रकाश गोंदुड़े I write satires,about nature and relationships.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    MAKARAND BAXI
    03 अगस्त 2019
    👍great
  • author
    03 जुलाई 2019
    Nice
  • author
    Prita Singh
    18 मई 2020
    दिल को छू गयी आपकी कहानी कितने कम शब्दों में एक टूटे हुए इंसान की कहानी कह दी।
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    MAKARAND BAXI
    03 अगस्त 2019
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    03 जुलाई 2019
    Nice
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    Prita Singh
    18 मई 2020
    दिल को छू गयी आपकी कहानी कितने कम शब्दों में एक टूटे हुए इंसान की कहानी कह दी।