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दो पन्ने की औरत

4.0
11232

वह थी ही ऐसी या ऐसी बनाई गई थी...यह बताने के लिए वह कई पन्ने घिसने वाली है। डायरी के सारे पन्ने भर देने के बाद भी वह संतुष्ट नहीं थी। उसे मालूम था एक दिन दुनिया उसे कई पन्नों में देखकर अपना नजरिया ...

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लेखक के बारे में
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गीताश्री

स्त्रीवादी पत्रकार और कथाकार जन्म- मुजफ्फरपुर (बिहार) ,सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकार (वर्ष 2008-09) के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित गीताश्री पत्रकारिता के साथ-साथ साहित्य की दुनिया में भी बेहद सक्रिय हैं। उनकी कहानियां अब तक हंस, नया ज्ञानोदय, इंडिया टुडे, आउटलुक, शुक्रवार, लमही, पर्वतराग, इरावती, सृजनलोक, निकट, इंडिया न्यूज , पाखी, संबोधन, प्रेरणा, कथादेश अनेक जैसी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। इन दिनों इनकी कहानियां चर्चा के केंद्र में है। अपनी अलग साहसिकता की वजह से और अलग स्त्री संवेदना की बात करने वाली कहानियों ने आलोचको को भौचक्का कर दिया है। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है। औरत की अस्मिता पर निरंतर लेखन के लिए चर्चित हो चुकीं गीताश्री को देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से फेलोशिप मिल चुके हैं जिनमें नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया मीडिया फेलोशिप (2008), इन्फोचेंज मीडिया फेलोशिप (2008), नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया मीडिया फेलोशिप (2010), सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (2010) और पैनोस साउथ एशिया मीडिया फेलोशिप प्रमुख हैं। रचना क्षेत्र चुनौतीपूर्ण राजनीतिक पत्रकारिता से लेकर साहित्य, सिनेमा, कला-संस्कृति, स्त्री-विमर्श और सामाजिक मसलों पर अच्छी पकड़। पत्रकारिता से जुड़े सभी माध्यमों में काम करते हुए आदिवासी लड़कियों की तस्करी, नक्सलवाद बनाम सलवा जुडूम, जलवायु परिवर्तन और डूबता सुंदरवन, तंबाकू उत्पादों का समाज पर प्रभाव, बंधुआ मजदूरी, बीड़ी उद्योग और बीड़ी मजदूरों की व्यथा पर गहन और शोधपरक रिपोर्टिंग। पुरस्कार 1. झारखंड और छत्तीसगढ़ से आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर रिपोर्टिंग के लिए रामनाथ गोयनका सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकार पुरस्कार (2008-09) –तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा प्रदान. 2. प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर सर्वश्रेष्ठ खोजपरक रिपोर्टिंग के लिए यूएनएफडीए-लाडली मीडिया अवार्ड (2009-2010) 3. छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य प्रदेश की आदिवासी महिलाओं की तस्करी पर शोध के लिए नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया, मीडिया फेलोशिप (2008) 4. तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का प्रभाव पर शोध के लिए नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया, मीडिया फेलोशिप (एनएफआई) पुरस्कार (2009-2010) 5. छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के प्रभाव के कारण आदिवासियों के पलायन पर शोध के लिए इन्फोचेंज मीडिया फेलोशिप (2008) 6. पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाके सुंदरबन पर जलवायु के प्रभाव की सनसनीखेज रिपोर्टिंग के लिए सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की नौवीं मीडिया फेलोशिप (2010) 7. राजस्थान में बंधुआ मजदूरों की व्यथा पर रिपोर्टिंग के लिए ग्रासरूट फीचर अवार्ड 8. महिलाओं के मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से पुरस्कार 9. सर्वश्रेष्ठ फिल्म रिपोर्टिंग के लिए मातृश्री पुरस्कार 10. फिल्म तथा अन्य कला विषयों की उत्कृष्ट समीक्षा के लिए अभिनव रंगमंडल, उज्जैन की ओर से राष्ट्रीय कला समीक्षा सम्मान 11.आधी आबादी वीमेन अचीवर्स अवार्ड-2010 12.28वां एस,राधाकृष्णन स्मृति राष्ट्रीय मीडिया सम्मान-2012 13. अंतराष्ट्रीय सृजन गाथा सम्मान (थाईलैंड) प्राप्त 14. भारत सरकार के भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित 15. इलाहाबाद बैंक द्वारा साहित्य एवं कला क्षेत्र में दिया जाने वाला इला त्रिवेणी सम्मान-वर्ष-2012-2013 कृतियां- अब तक प्रकाशित पुस्तकें 1. कविता जिनका हक (कविता संग्रह), राजेश प्रकाशन, हिंदी अकादमी से सहयोग प्राप्त-1991 2. स्त्री आकांक्षा के मानचित्र (स्त्री विमर्श), सामयिक प्रकाशन, सेकेंड संस्करण 3. 23 लेखिकाएं और राजेंद्र यादव (संपादन और संयोजन), किताब घर , बेस्ट सेलर 4. नागपाश में स्त्री ( स्त्री-विमर्श, संपादन), राजकमल प्रकाशन , सृजनगाथा अंतराष्ट्रीय साहित्य सम्मान, बैंकाक, थाईलैंड प्राप्त कृति 5. औरत की बोली (स्त्री विमर्श), सामयिक प्रकाशन -2011 –भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार, भारत सरकार प्राप्त 6.सपनो की मंडी (आदिवासी लड़कियों की तस्करी पर आधारित) वाणी प्रकाशन-2012 7. पहला कहानी संग्रह, “प्रार्थना के बाहर और अन्य कहानियां” (वाणी प्रकाशन-2013) 8. बैगा आदिवासियो की गोदना कला पर एक सचित्र शोध पुस्तक “देहराग”(वन्या प्रकाशन) से प्रकाशित 9.कल के कलमकार( बच्चो की संपादित कहानियां)-शिल्पायन बुक्स-2013 10.स्त्री को पुकारता है स्वप्न (संपादित कहानी संग्रह-) वाणी प्रकाशन-2013 11.कथा रंगपूर्वी (संपादित कहानी संग्रह) शिल्पायन बुक्स-शीघ्र प्रकाश्य-2015 (विश्व पुस्तक मेला) 12. हिंदी सिनेमा-दुनिया से अलग दुनिया (संपादित-शिल्पायन बुक्स-2014) 13.दूसरा कहानी संग्रह-"स्वप्न, साजिश और स्त्री" प्रकाशित , ( सामयिक प्रकाशन)-2015

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  • author
    Amrin Sheikh "Bano"
    10 जून 2021
    Aajkal her kaam kaji jagah par yhi hota hai Competition ki ek dusre ko girakar piche dhakelkar kaise aage jana or kisi Mahila Karmchari ki Sundarta or Gora Rang dekhkar use aage kaise badhaya jata hai is Compitition may pratibhawaan insaan Caplus insaan ke pairo tale dabjar reh jata hai ye is story may achhi tarah dikhaya gya hai
  • author
    Poonam Aggarwal
    05 सितम्बर 2019
    प्रत्येक क्षेत्र में अपने से आगे वाले को गिरा कर खुद आगे बढ़ा जाता है । उसके लिये क्या क्या हथकंडे नहीं अपनाए जाते , ये कृति में बखूबी दिखाया गया है । प्रतीकात्मक भाषा से कहानी उत्कृष्ट कोटि की बन पड़ी है ।
  • author
    Akanksha Ahuja
    26 फ़रवरी 2017
    gehri kahaani.... bahut sare arth chhupe hain... aaj ke corporate world ki sachayi.... jahan competition hai... race hai... selfishness hai... jealousy hai.... character less log hai... bahut hi achhi kahani
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    Amrin Sheikh "Bano"
    10 जून 2021
    Aajkal her kaam kaji jagah par yhi hota hai Competition ki ek dusre ko girakar piche dhakelkar kaise aage jana or kisi Mahila Karmchari ki Sundarta or Gora Rang dekhkar use aage kaise badhaya jata hai is Compitition may pratibhawaan insaan Caplus insaan ke pairo tale dabjar reh jata hai ye is story may achhi tarah dikhaya gya hai
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    Poonam Aggarwal
    05 सितम्बर 2019
    प्रत्येक क्षेत्र में अपने से आगे वाले को गिरा कर खुद आगे बढ़ा जाता है । उसके लिये क्या क्या हथकंडे नहीं अपनाए जाते , ये कृति में बखूबी दिखाया गया है । प्रतीकात्मक भाषा से कहानी उत्कृष्ट कोटि की बन पड़ी है ।
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    Akanksha Ahuja
    26 फ़रवरी 2017
    gehri kahaani.... bahut sare arth chhupe hain... aaj ke corporate world ki sachayi.... jahan competition hai... race hai... selfishness hai... jealousy hai.... character less log hai... bahut hi achhi kahani