pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

दुपहरिया के फूल

4.9
437

???????? ?बंधूक ओ बंधूक!!ये ,?        ,? तुमसे मेरा कैसा नाता है??              ?तुम्हें देखकर मुझको अपना,?                     ?बचपन याद आ जाता है!!?     ??????? ?तुम्हारे ...

अभी पढ़ें
तुमको कान्हा आना पड़ेगा
तुमको कान्हा आना पड़ेगा
Asha Shukla ""Asha""
4.9
ऐप डाउनलोड करें
लेखक के बारे में
author
Asha Shukla

"जल बिच मीन पियासी" अब पुस्तक के रूप में amezon पर उपलब्ध। 💐चाहें हम रहें न रहें,ये भाव हमारे रह जाएँगे। जब-जब पढ़ेंगे लोग हमें,हम याद उन्हें आ जाएँगे।💐 https://youtu.be/7Io3xh-AHBA youtube पर मेरी कविताएँ और कहानियाँ सुने मेरी आवाज में ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रकृति
    31 अगस्त 2019
    वाह,, मेम,,, शानदार खूबसूरत रचना जवाब नहीं,,,,कभी सजे थे बचपन मे अब मन मे मेरे बसते हो👌👌👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺
  • author
    Bandana Singh
    18 अक्टूबर 2019
    लाजवाब है, ये दुपहरीया के फूल जो शख्त चटख दूप में भी खिले रहते हैं और उमस में हमारे अन्दर एक हौसला जगाते हैं।
  • author
    संतोष नायक
    31 अगस्त 2019
    रचना ' दुपहरिया के फूल' अच्छी लगी।' जब जब बात चली फूलों की,तब याद तुम्हारी आई है'।सुंदर पंक्तियां।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रकृति
    31 अगस्त 2019
    वाह,, मेम,,, शानदार खूबसूरत रचना जवाब नहीं,,,,कभी सजे थे बचपन मे अब मन मे मेरे बसते हो👌👌👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺
  • author
    Bandana Singh
    18 अक्टूबर 2019
    लाजवाब है, ये दुपहरीया के फूल जो शख्त चटख दूप में भी खिले रहते हैं और उमस में हमारे अन्दर एक हौसला जगाते हैं।
  • author
    संतोष नायक
    31 अगस्त 2019
    रचना ' दुपहरिया के फूल' अच्छी लगी।' जब जब बात चली फूलों की,तब याद तुम्हारी आई है'।सुंदर पंक्तियां।