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"दीपक की व्यथा"*

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"दीपक की व्यथा" व्यथा दीपक की, नहीं दिखती किसी को, ख़ुद जलकर भी वो, देता है रोशनी सबको ।                           रचना -रजनी कटारे ...

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"शब्दों के तीर"*
"शब्दों के तीर"*
Rajni Katare
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लेखक के बारे में
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Rajni Katare

अन्तर्मन से उपजे उदगारों को, कागज और कलम लेकर लिखने लग जाती हूँ -* रजनी कटारे -: शिक्षा -एम. ए. ,बी. एड. (हिन्दी साहित्य) जबलपुर (जन्म-भोपाल) जन्मतिथि :- 9/7/56 * सृजन - : स्वतन्त्र लेखन - सामाजिक, पारिवारिक, कविता, कहानी और लेख - * प्रकाशन - : नव भारत में काफी पहले मेरे लेख प्रकाशित, एक लम्बे अंतराल के बाद ' प्रतिलिपि मंच ' पर साहित्यक गतिविधियों से जुड़ाव - * शिक्षण -: काफी समय पहले अध्यापन का कार्य करा (नवयुग उ. मा. विद्यालय जबलपुर) - * सम्मान -: "महाकोशल महिला उद्यमी संगठन "(मावे) में उपसचिव के पद पर रह चुकी, 'मावे' द्वारा मुझे 'अचीवमेन्ट अवार्ड ' से सम्मानित किया गया - * उत्कृष्ट -समाज सेवा के लिए मुझे ' प्रियदर्शनी अलंकरण ' सम्मान मिला - -------*----- श्रीमती रजनी कटारे जबलपुर (म. प्र.)

समीक्षा
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  • author
    महादेव
    27 ജൂണ്‍ 2022
    सही कहा आपने 👌🌹👌👌🌹👌🌹
  • author
    UMA SHARMA "अर्तिका"
    15 നവംബര്‍ 2021
    बिल्कुल सही कहा आपने सार्थक अभिव्यक्ति 👌👌👌 बिना मरे किसी को स्वर्ग नहीं मिलता हर किसी को अपने से का कर्म करना ही पड़ता है शानदार लेखन 👌👌👌
  • author
    22 ആഗസ്റ്റ്‌ 2020
    बहुत अच्छी बात लिखी आपने।खुद जल मरना,व्यथा सहना, नही कहना,और दूसरे को खुशी देना।बहुत-बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई औरशुभकामनाएंभी आदरणीया।
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    महादेव
    27 ജൂണ്‍ 2022
    सही कहा आपने 👌🌹👌👌🌹👌🌹
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    15 നവംബര്‍ 2021
    बिल्कुल सही कहा आपने सार्थक अभिव्यक्ति 👌👌👌 बिना मरे किसी को स्वर्ग नहीं मिलता हर किसी को अपने से का कर्म करना ही पड़ता है शानदार लेखन 👌👌👌
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    22 ആഗസ്റ്റ്‌ 2020
    बहुत अच्छी बात लिखी आपने।खुद जल मरना,व्यथा सहना, नही कहना,और दूसरे को खुशी देना।बहुत-बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई औरशुभकामनाएंभी आदरणीया।