pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

दिल्लगी

4.6
246

इश्क़ की  बदनाम गलियों से दूर खड़े.......रह कर हमने तो सिर्फ दिल्लगी की है। D R P ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Divya rani Pandey

.मैंने अभी सिर्फ कलम उठाया है,अभी लिखने के साथ सीखना भी बाकी है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 जून 2019
    सुंदर लिखा आपने और आपकी भावनाओं को आपके इस लेख के आवरण से ही समझ गया कि यह किसके लिए लिखा है आपने लेकिन..
  • author
    Anand Nema "कुमार आनंद"
    11 जून 2019
    दिल्लगी न मालूम कब दिल की लगी हो जायेगी बेहतर है की कमसिनी में सम्भाल लो खुद को.
  • author
    ꧁☆☬Bablu yadav ☬☆꧂
    11 जून 2019
    दिल लगाओ तो लगाओ दिल से दिल दिल-लगी ही दिल-लगी अच्छी नहीं 👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 जून 2019
    सुंदर लिखा आपने और आपकी भावनाओं को आपके इस लेख के आवरण से ही समझ गया कि यह किसके लिए लिखा है आपने लेकिन..
  • author
    Anand Nema "कुमार आनंद"
    11 जून 2019
    दिल्लगी न मालूम कब दिल की लगी हो जायेगी बेहतर है की कमसिनी में सम्भाल लो खुद को.
  • author
    ꧁☆☬Bablu yadav ☬☆꧂
    11 जून 2019
    दिल लगाओ तो लगाओ दिल से दिल दिल-लगी ही दिल-लगी अच्छी नहीं 👌👌👌👌👌👌👌