तू कोशिशों को अपनी न नाकाम कर इतना किया है उठ थोड़ा और काम कर तेरी ज़िद के आगे हालात सर झुकाएँगे फरिश्ते धरती पर तेरी जन्नत बुलाएँगे सुबह हो चुकी है अब पसीने में भीगी शाम कर इतना किया है उठ थोड़ा और ...
तू कोशिशों को अपनी न नाकाम कर इतना किया है उठ थोड़ा और काम कर तेरी ज़िद के आगे हालात सर झुकाएँगे फरिश्ते धरती पर तेरी जन्नत बुलाएँगे सुबह हो चुकी है अब पसीने में भीगी शाम कर इतना किया है उठ थोड़ा और ...