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तीसरी आँख

4.3
2256

आज उसने शहर से दूर उस सफेद बंगले पर निगाहें टिकाए हुई थी। अब वह बस मौका मिलते ही बंगले पर हाथ साफ करने की ताक में था। तकरीबन बीस-बाईस साल का वह लड़का दिखने में गोरा चिट्टा, मोटी- मोटी काली आंखें ...

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लेखक के बारे में
author
Neha Sharma

✍लेखिका/कवयित्री/समीक्षक

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dharmendra Bhatt
    09 September 2020
    चोर कितना भी चालाक हो,लेकिन पुलिस पकड़ ही लेती हे,बढ़िया प्रस्तुति.
  • author
    ऋक्
    30 January 2021
    प्रवाह और सकारात्मक उद्देश्य
  • author
    Aarush rathi "Aarush"
    03 May 2020
    वाह..बहुत अच्छा लेखन 👏👏
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    Dharmendra Bhatt
    09 September 2020
    चोर कितना भी चालाक हो,लेकिन पुलिस पकड़ ही लेती हे,बढ़िया प्रस्तुति.
  • author
    ऋक्
    30 January 2021
    प्रवाह और सकारात्मक उद्देश्य
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    Aarush rathi "Aarush"
    03 May 2020
    वाह..बहुत अच्छा लेखन 👏👏