वेंकटाचल में श्रीनिवास माता बकुला देवी के पास आनंद पूर्वक रहते थे। एक दिन श्रीनिवास के मन में शिकार खेलने की इच्छा पैदा हुई। श्रीनिवास ने बकुला देवी के पास आकर अपने मन की इच्छा प्रकट की।बकुला ...
पौराणिक कथाओं, भारतीय इतिहास के भूले पृष्ठों को पलटने के लिए आप मेरी रचनाओं को पढ सकते हैं । मैं आक्रमणकारी का महिमा मंडन नहीं कर सकता।
लिखने से ज्यादा मुझे पढ़ने का शौक हैं। वृत्ति से एक यांत्रिक अभियंता हूं , साहित्य लेखन मेरी अभिरुचि तथा पठन पाठन मेरी प्रवृत्ति है।
सारांश
पौराणिक कथाओं, भारतीय इतिहास के भूले पृष्ठों को पलटने के लिए आप मेरी रचनाओं को पढ सकते हैं । मैं आक्रमणकारी का महिमा मंडन नहीं कर सकता।
लिखने से ज्यादा मुझे पढ़ने का शौक हैं। वृत्ति से एक यांत्रिक अभियंता हूं , साहित्य लेखन मेरी अभिरुचि तथा पठन पाठन मेरी प्रवृत्ति है।
पद्मावती से भगवान श्रीनिवास से मिलने के बाद उनके अंतर में उनके लिए उत्पन्न आत्मीय प्रेम ने उन्हें स्नेह रोगी बना दिया उधर भगवान भी स्वयं को प्रकट ना कर पाने का पछतावा हो रहा था .....….सत्य पता होने पर बकुलादेवी का आकाशराज के पास विवाह प्रस्ताव ले कर जाना ।.....वर्णन अति सुंदर और सरल रूप में लिखा 👌👌👌👌👌👌👌🌺💐🪴🥀🌹🌹🥀🪴💐🌺
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पद्मावती से भगवान श्रीनिवास से मिलने के बाद उनके अंतर में उनके लिए उत्पन्न आत्मीय प्रेम ने उन्हें स्नेह रोगी बना दिया उधर भगवान भी स्वयं को प्रकट ना कर पाने का पछतावा हो रहा था .....….सत्य पता होने पर बकुलादेवी का आकाशराज के पास विवाह प्रस्ताव ले कर जाना ।.....वर्णन अति सुंदर और सरल रूप में लिखा 👌👌👌👌👌👌👌🌺💐🪴🥀🌹🌹🥀🪴💐🌺
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